शिंदे को मिल रहा सांसदों का भी समर्थन
कई सांसदों के गुवाहाटी पहुंचने की खबर

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
MahavikasAghadi Crisis मुंबई. शिवसेना ने हुई अब तक की बड़ी बगावत टालने के सभी प्रयास व्यर्थ साबित हो रहे हैं. विधायकों के बाद सांसद भी ठाकरे परिवार का साथ छोड़ कर (Shinde is also getting the support of MPs) गुवाहाटी पहुंचने लगे हैं. इस बगावत के बाद ठाकरे परिवार को सोचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है कि आखिर उनसे कहां चूक हो गई.
महाराष्ट्र में विधायकों के साथ – साथ अब शिवसेना के कई सांसद भी शिवसेना के बागी नेता विधायक एकनाथ शिंदे के समर्थन में आ गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार ठाणे के सांसद राजन विचारे और कल्याण के सांसद श्रीकांत शिंदे असम के गुवाहाटी में मौजूद हैं. वहीं सांसद वसीम , सांसद भावना गवली, पालघर सांसद राजेंद्र गवित, रामटेक सांसद कृपाल तुमाने के भी एकनाथ शिंदे को समर्थन दिए जाने की बात सामने आ रही है.
पार्टी और सिंबल पर भी दावे की तैयारी
बागी विधायक अब शिवसेना पार्टी के साथ सिंबल धनुष बाण पर भी चुनाव आयोग के पास अपना दावा ठोकने जा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यह एक राजनीतिक पार्टी है न कि पारिवारिक. बागियों के इस कदम से ठाकरे परिवार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. इसी के दम पर एकनाथ शिंदे दावा कर रहे हैं कि वे शिवसैनिक थे और हिंदुत्ववादी शिवसैनिक ही रहेंगे.
कार्यकर्ता शिवसेना की पूंजी
सरकारी आवास बर्षा से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कल रात ही मातोश्री शिफ्ट हो गए. इस दौरान कार्यकर्ताओं का हुजूम पूरी सड़कों पर शिवसेना के जयकारे लगा रहा था. लेकिन इन्ही कार्यकर्ताओं के दम पर निर्वाचित होकर विधान सभा पहुंचने वाले विधायक ही शिवसेना से दूर हो गए.
बाला साहेब ठाकरे की खड़ी की पार्टी के कार्यकर्ता यानी शिवसैनिक ही जमापूंजी है. वर्षा से लेकर मातोश्री तक जमी कार्यकर्ताओं की भीड़ ठाकरे परिवार को फिर से खड़ा करने में सहायक बनेगा. फेसबुक लाइव में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हिंदुत्व ही हमारी श्वास है. हालांकि उन पर हिंदुत्व से दूर हो जाने का आरोप लगा कर ही इतनी बड़ी बगावत को अंजाम दिया गया. एक राजनीतिक साज़िश के तहत शिवसेना पर हिंदुत्व से दूर जाने का तोहमत लगा कर पार्टी में ही फूट डाल दी गई.
जब शिवसेना ने मनसे को तोड़ा
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाने वाले राज ठाकरे को शिवसेना ने ऐसे ही चोट पहुंचाई थी. 2017 के मनपा चुनाव में मनसे के सात नगरसेवक चुन कर आए थे. उनमें से 6 को शिवसेना ने तोड़ कर कुछ ऐसे ही चोट पहुंचाई थी जो उसे आज अपने भरोसेमंद साथियों से मिली है.




