शिंदे गुट की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
विधान सभा उपाध्यक्ष के फैसले को चुनौती

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Shinde Petition in SC: दिल्ली. शिवसेना के बागी विधायकों को मिल रही धमकी और उनके घरों कार्यालयों में हो रहे हमले एवं शिवसेना के पत्र पर विधानसभा उपाध्यक्ष की 16 बागी विधायकों को विधायकी रद्द करने की नोटिस के खिलाफ शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. रविवार शाम रजिस्ट्रार ने सोमवार के लिए याचिका को लिस्टिंग कर लिया है.
शिंदे गुट ने अपनी याचिका में विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल की नोटिस को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बागी गुट की तरफ वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और शिवसेना की तरफ से कपिल सिब्बल, अभिषेक सिंघवी केस की पैरवी करेंगे. विधानसभा के फ्लोर पर लड़ाई से पहले यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लड़ा जा रहा है.
याचिका की कॉपी पहले ही सरकार को भेज दी
याचिका में विधान सभा में शिंदे की जगह किसी और विधायक को शिवसेना विधायक दल का नेता और चीफ व्हिप बनाने को भी चुनौती दी गई है. यानी डिप्टी स्पीकर के अधिकार क्षेत्र के अतिक्रमण को मुद्दा बनाया गया है. सूत्रों के मुताबिक शिंदे गुट ने अपनी याचिका की प्रति पहले ही प्रतिवादी महाराष्ट्र सरकार को भेज दी है. ताकि कोर्ट में नोटिस का समय बच सके. मामले को सुप्रीम कोर्ट में कल सुबह 10.30 बजे अवकाशकालीन पीठ के सामने अर्जेंट सुनवाई होगी.
शिंदे गुट की याचिका के महत्वपूर्ण प्वाइंट
याचिका में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष नाना पाटोले के इस्तीफा देने के बाद से ही विधानसभा अध्यक्ष का पद रिक्त हैं. उपाध्यक्ष के पास अयोग्यता पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है. सरकार से 38 विधायकों के समर्थन वापस लेने से सरकार अल्पमत में आ गई है. बहुमत खोने वाली सरकार को यह फैसला करने का अधिकार नहीं है. शिंदे की जगह विधायक दल का नेता अजय चौधरी को बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई गई है. याचिका में मांग की गई है कि जब तक विधायक सभा उपाध्यक्ष को हटाने के प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो जाता तक कोर्ट अयोग्यता पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने का आदेश दे. विरोधी गुट ने कहा है कि जब विधायक दल के नेता पर से हटाया गया उस समय 35 प्रतिशत से कम संख्या बल था ऐसे में विधायक दल के नेता पद से हटाने की पूरी कार्यवाही भी अवैध है. शिंदे गुट की याचिका पर कोर्ट को अपना फैसला देना है.