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ठाणे में 43 हजार हेक्टेयर भूमि पर मिल श्रमिकों के लिए घर बनाने का प्रयास : एकनाथ शिंदे

मिल श्रमिकों को बांटी गई चाबियां

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई.  महाराष्ट्र सरकार मिल श्रमिकों (Flat For Mill Workers) को मिल की साइट पर घर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है. मुंबई में बंद मिलों की जमीन पर मिल श्रमिकों के लिए उपलब्ध घरों की सीमित संख्या को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने मिल श्रमिकों को अधिक घर उपलब्ध कराने के लिए ठाणे जिले के विभिन्न स्थानों में 43 हजार हेक्टेयर भूमि की खोज की है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री एवं आवास मंत्री देवेन्द्र फडणवीस, एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दूसरे चरण के तहत फ्लैटों की चाबियां और आवंटन पत्र बांटे. इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह जानकारी दी. (Maharashtra Government Efforts to build houses for mill workers on 43 thousand hectares of land in Thane)
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) और मिल वर्कर्स हाउस कंट्रोल कमेटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में राज्य के श्रम मंत्री सुरेश खाड़े, मिल वर्कर्स हाउस कंट्रोल कमेटी अध्यक्ष एवं विधायक सुनील राणे, विधायक कालिदास कोलंबकर, प्रकाश आबिटकर, अभिमन्यु पवार,  ‘म्हाडा’ के उपाध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव जयसवाल, मुंबई बोर्ड के मुख्य अधिकारी मिलिंद बोरिकर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष की बात है कि 15 जून, 2023 के बाद 167 पात्र  मिल श्रमिकों/उत्तराधिकारियों को प्रथम चरण के तहत चाबियां एवं आवंटन पत्र आवंटित किए गए थे. चाबी आवंटन का दूसरा चरण 20 दिनों के भीतर पूरा किया जा रहा है. पात्र मिल श्रमिकों को मकानों का कब्जा देने की गति जारी रहेगी. आवास मिलने में देरी न हो इसके लिए मिल श्रमिकों की पात्रता निर्धारित होते ही चाबी वितरण कार्यक्रम भी संचालित किये जायेंगे.
प्रधानमंत्री आवास योजना, मोदी आवास योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आम लोगों को सस्ती दरों पर घर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. सरकार मुंबई में कई रुकी हुई पुनर्विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देकर नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की कोशिश कर रही है. सरकार ने बीडीडी चाल पुनर्विकास परियोजना, धारावी पुनर्विकास परियोजना शुरू की है. उन्होंने कहा कि मुंबई छोड़ चुके मुंबईकरों को इस माध्यम से वापस मुंबई लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आम लोगों को न्याय दिलाने के लिए तेजी से काम कर रही है. यही कारण है कि इस सरकार को आम आदमी की सरकार कहा जाता है. सरकार द्वारा लिए गए सभी निर्णयों को तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है.
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मिल श्रमिकों को उनका वाजिब घर जल्द मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी समिति नियुक्त की गई है और मिल श्रमिकों की योग्यता निर्धारित करने तथा घरों के आवंटन का काम तेज कर दिया गया है. मिल श्रमिकों/उत्तराधिकारियों की पात्रता निर्धारित कर आवासों का कब्जा नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह दिया जायेगा.
एमएमआरडीए द्वारा मौजे कोन में बनाए गए फ्लैटों के निर्माण का काम चल रहा है. निर्माण पूरा होने के बाद जल्द ही घरों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि ठाणे जिले के विभिन्न पांच स्थानों पर 43 हेक्टेयर भूमि का निरीक्षण किया गया है और संभावित मकान निर्माण के संबंध में संबंधित कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी गई है. बंद मिलों की जगह पर मकान बनाने के लिए आवेदन करने वाले कुल लगभग 1,50,000 मिल श्रमिकों को दो बार नामित किया गया था. इसकी पात्रता जांचने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार पात्र मिल श्रमिकों/उत्तराधिकारियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए गंभीर कदम उठा रही है.
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि मुंबई और मिल मजदूरों का अलग रिश्ता है. मुंबई के विकास के लिए मिल मजदूरों ने कड़ी मेहनत की है. इन श्रमिकों ने मुंबई के साथ देश के निर्माण और राजनीतिक सामाजिक आंदोलनों में भी बड़ा योगदान दिया है. घर जीवन का आधार है, रिश्तों की नमी है.  अपन घर मिल श्रमिकों का अधिकार है और उन्हें अपने घरों की चाबियां दी जाती हैं, जो एक अलग संतुष्टि है. सरकार द्वारा मिल श्रमिकों के लिए बड़ी संख्या में मकान बनवाकर वितरित किये जा रहे हैं.  उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से सभी को आवास उपलब्ध कराया जा रहा है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि सभी को आवास मिले.
सुनील राणे ने कहा, रायगढ़ जिले के कोण गांव (पनवेल) में 2417 फ्लैट्स की लॉटरी 02 दिसंबर 2016 को निकाली गई थी. इस लॉटरी में सफल मिल श्रमिकों में से लगभग 400 मिल श्रमिकों ने फ्लैटों की बिक्री मूल्य का भुगतान कर दिया है. चूंकि इन फ्लैटों की मरम्मत का काम चल रहा है, इसलिए इन फ्लैटों का कब्जा नहीं दिया गया है, लेकिन फ्लैटों की मरम्मत के तुरंत बाद कब्जा दे दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मिल श्रमिकों के लिए कोण पनवेल के फ्लैटों के अलावा मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा 2,500 फ्लैट बनाने का प्रयास किया जा रहा है. सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिडको) के पास 350 वर्ग फुट क्षेत्र के 10,000 फ्लैट तैयार हैं और उक्त फ्लैटों की बिक्री मूल्य निर्धारित होने और मिल श्रमिक संघ द्वारा अपनी प्राथमिकता दिखाने के बाद ये फ्लैट मिल श्रमिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे.

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