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भाजपा – शिंदे गुट के बीच मंत्रिमंडल की डील फिक्स

सूची लेकर दिल्ली रवाना हुए देवेंद्र फडणवीस

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
 Maharashtra Political Crisis मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना की ऐतिहासिक बगावत के बाद अब भाजपा और शिंदे गुट के बीच सरकार बनाने पर विचार विमर्श शुरु हो गया है. लेकिन सरकार का स्वरूप कैसा रहेगा अभी किसी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. खबर है कि मंत्रालयों के बंटवारे पर डील फिक्स (Cabinet deal fixed between BJP-Shinde faction) हो गई है. जिसकी सूची लेकर देवेंद्र फडणवीस दिल्ली रवाना हो गए हैं. इस सूची पर मुहर लगते ही अगला कदम उठाया जाएगा. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए शिंदे गुट की तरफ से मांग की गई है.
  शिंदे गुट को 8 कैबिनेट, 5 मंत्री पद?
सूत्रों के मुताबिक शिंदे गुट भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए बातचीत कर रहा है. इसके मुताबिक शिंदे गुट बीजेपी के साथ सत्ता में आया तो, शिंदे गुट के आठ सदस्यों के कैबिनेट मंत्री और पांच राज्य मंत्री बनने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक उपमुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ शिंदे को नामित किया जाएगा. गुलाबराव पाटिल, शंभूराजे देसाई, संजय शिरसाट, दीपक केसरकर,  और उदय सामंत को केबिनेट पद मिलने की उम्मीद है.
केसरकर बोले- बहुमत की परीक्षा लीजिए!
शिंदे समूह के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि शिंदे समूह ने ठाकरे सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. यह सरकार अल्पमत में है. उन्हें बहुमत साबित करना चाहिए, हम गुवाहाटी से तुरंत महाराष्ट्र आने को तैयार हैं. चर्चा यह भी थी कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने सरकार बचाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को भी फोन किया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. हालांकि शिवसेना के जनसंपर्क प्रमुख हर्षल प्रधान ने स्पष्ट किया कि इस तरह की खबरें निराधार हैं. उद्धव ठाकरे जो कहना चाहते हैं वह खुलकर बोलते हैं, कृपया किसी को गलत न समझें और अफवाहों से बचें.
क्या हो सकता है आगे
शीर्ष अदालत ने सोमवार को शिवसेना द्वारा अयोग्य ठहराए जाने की मांग करने वाले 16 विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए 12 जुलाई तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. साथ ही विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल, शिवसेना समूह के नेता अजय चौधरी, प्रतोद सुनील प्रभु और केंद्र सरकार को 5 दिन के भीतर जवाब देने का नोटिस जारी किया है. शिंदे गुट को फैसले से तुरंत राहत मिली, लेकिन अयोग्यता की कार्रवाई को टाला नहीं गया. जबकि आदित्य ठाकरे और संजय राउत विद्रोहियों को मुंबई में पैर रखने की अनुमति देने की धमकी दे रहे थे. सरकारी वकील चिटणीस ने कोर्ट से कहा, हमने सुनिश्चित किया है कि 39 विधायकों के जीवन, अधिकार और संपत्ति को कोई नुकसान नहीं होगा.
किस गुट के प्रतोद को मिलेगी मंजूरी 
शिवसेना के दोनों गुटों ने अपने समर्थक प्रतोद और गुट नेताओं की नियुक्त किया है. फिर, किस गुट के प्रतिनिधियों को पार्टी संबद्धता जारी करने का अधिकार है.शिवसेना से अलग हुए इस गुट को अभी तक स्वतंत्र समूह बनाने की मंजूरी नहीं मिली है. उन्होंने अभी तक विधानसभा के उपाध्यक्ष या केंद्रीय चुनाव आयोग से संपर्क नहीं किया है. इसलिए, उनके लिए पार्टी के आदेश को वापस लेना अवैध होगा. वहीं शिवसेना ने नेता अजय चौधरी को विधानसभा उपाध्यक्ष ने मंजूरी दे दी है. यदि चौधरी व्हिप जारी करते हैं तो मान्य होगा.

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