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कांग्रेस, भाजपा के लिए, दो भविष्यवाणी दोनों सही
नेताओं के गांधी परिवार का बचाव करना हुआ कठिन

पांच राज्य 690 विधानसभा जानिए कांग्रेस को मिली कितनी सीटें
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. 138 वर्ष पहले जिस उद्देश्य के लिए कांग्रेस (Congress) का गठन किया गया था वह पूरा हो चुका है, इसे खत्म कर देना चाहिए. भाजपा (Bjp) ऐसी पार्टी है कि राख से भी उठ खड़ी होगी. आज की परिस्थिति में दो महापुरुषों की भविष्यवाणी (Two Production) पूर्णतः खरी (correct) साबित हो रही हैं. देश के पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस को केवल 55 सीटें हासिल हो सकी. यानी कांग्रेस अब रसातल में जा रही है. उसके नेताओं को गांधी परिवार का बचाव करना भी कठिन हो गया है.
महात्मा गांधी ने कहा था कांग्रेस को भंग कर दें
देश में स्वतंत्रता हासिल करने के बाद महात्मा गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी का जिस उद्देश्य के लिए गठन किया गया था वह पूरा हो चुका है. इसे अब खत्म कर देना चाहिए. महात्मा गांधी के विचारों के विपरीत कांग्रेस को राजनीति हित के लिए जिंदा रखा गया. अब वह स्वयं समाप्ति की ओर बढ़ रही है. इसका जिक्र ‘द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ महात्मा गांधी वैल्यू’ में किया गया है.
भागवत की भविष्यवाणी
वहीं दूसरी एक दशक पहले भाजपा में मचे घमासान के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा था कि भाजपा में मचा विवाद जल्द खत्म हो जाएगा. भाजपा कभी खत्म नहीं होगी. यह ऐसी पार्टी है जो ” राख से भी उठ खड़ी होगी” आज की परिस्थितियों में आंकलन करें तो दोनों महापुरुषों की भविष्यवाणी सही साबित हो रही है.
सदमे में गांधी परिवार
पांच राज्यों के चुनाव में 690 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस मुश्किल से 55 सीटों पर चुनाव जीत सकी. उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में इस बार केवल दो सीटें ही जीत सकी. लगातार पराजय से कांग्रेस नेताओं,कार्यकर्ताओं का मनोबल पूरी तरह से टूट चुका है. नेताओं की जुबां पर लरजिश है. वे गांधी परिवार का बचाव भी नहीं कर पा रहे हैं. आखिर हार का ठींकरा फोड़ें तो किस पर. राहुल गांधी की नाकामी के बाद उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी पर डाली गई थी. उन्होंने प्रयास भी बहुत किया लेकिन सफलता नहीं मिली. एक के बाद एक राज्य में हार से गांधी परिवार सदमे में है. राजस्थान को छोड़ कर ऐसा कोई राज्य नहीं बचा है जहां अपने दम पर कांग्रेस की सरकार चल रही हो. महाराष्ट्र में गठबंधन में है वहीं, पंजाब भी हाथ से फिसल गया. मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड में अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी. कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यही मंथन हो रहा है कि अब क्या किया जाए. गांधी परिवार को कौन समझाये कि कांग्रेस की दुर्गति के लिए उसकी राजनीतिक सोच ही जिम्मेदार है. राजनीति अहंकार नहीं से नहीं चलती है.




