मुंबई में एफडीए की बड़ी कार्रवाई 365 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निलंबित, 78 का लाइसेंस रद्द

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग्स (Maharashtra Food and Drugs Administration) विभाग ने मुंबई में बड़ी कार्रवाई की है. एफडीए ने मेडिकल स्टोर में काम करने वाले फर्जी फार्मासिस्ट के कारण 365 मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निलंबित कर दिया है. वहीं मेडिकल स्टोर में गंभीर अनियमितता के कारण 78 स्टोर के लाइसेंस रद्द कर दिया है. (FDA’s major action in Mumbai suspends license of 365 medical stores, cancels license of 78 Store’s)
एफडीए अधिकारी ने बताया कि मुंबई के इस वर्ष 1195 मेडिकल स्टोर की जांच की गई थी. जांच में दोषी पाए गए 78 मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. जबकि 365 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया.
अधिकारी ने बताया कि यह रूटीन चेकिंग का एक हिस्सा है, जिसमें नियमों के उल्लंघन के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है. मेडिकल स्टोर चलाने के लिए फार्मेसी से संबंधित लाइसेंस की जरूरत होती है. रूटीन चेकिंग में पाया गया है कि मेडिकल स्टोर पर लाइसेंस की कॉपी किसी और के नाम की है जबकि मेडिकल चलाने वाला कोई और है. वास्तव में फार्मेसी का लाइसेंस किसी और का है और मेडिकल चलाने वाला कोई और है.
अधिकारी ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई अब पूरे महाराष्ट्र में शुरू की जाएगी. एफडीए की इस कार्रवाई से मेडिकल स्टोर संचालकों में हलचल मचा हुआ है. एफडीए के पास शिकायत मिली थी कि पैसे वाले लोग करार करके लाइसेंस ‘खरीद’ लेते हैं और मेडिकल संचालित करते हैं. इसके एवज में फार्मासिस्ट को कुछ हिस्से का साझेदार बताते हैं. मेडिकल स्टोर में लाइसेंस लटका दिया जाता है, लेकिन फार्मासिस्ट मेडिकल में नहीं रहता. इसके बाद फिर अनजान व्यक्ति डॉक्टर की लिखी पर्ची पर दवा देने लगते हैं.
फर्जी डिग्री लेकर चलाते हैं मेडिकल स्टोर
अधिकांश मेडिकल संचालक राजस्थान के एक विद्यालय से बिना स्कूल गए परीक्षा देकर फर्जी डी फार्मा की डिग्री हासिल कर लेते हैं. घर बैठे परीक्षा देकर हासिल की गई डिग्री की भी जांच की मांग की जा रही है. यही कारण है कि एक विशेष वर्ग के लोग मेडिकल स्टोर चलाने का प्रभुत्व स्थापित कर लिए हैं. मुंबई के बाहर ठाणे, रायगढ़, के शहरी इलाकों में बड़ी संख्या में इसी तरह फर्जी डिग्री वाले डी फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर चला रहे हैं. जबकि चार साल मेहनत कर पढ़ाई करने वाले असली डिग्री धारक नौकरी के लिए भटक रहे हैं. ऐसे फर्जी डिग्रीधारकों जिनमें पनवेल, कामोठे, खारघर आदि इलाकों में एफडीए का कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.