राज्यपाल ने दिया 30 जून को बहुमत साबित करने का आदेश, शिवसेना की याचिका पर पांच बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
गोवाहाटी से गोवा के लिए निकले बागी विधायक

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
MahavikasAghadi political Crisis मुंबई. विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस के पत्र पर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी (Governor Order to prove Majority tomarow) ने महाविकास आघाड़ी सरकार को 30 जून को बहुमत साबित करने का आदेश दिया है. बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल के आदेश के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट (Suprime court Will Heard ShivSena Petition today 5pm )में याचिका दायर की थी जिसकी आज शाम पांच बजे सुनवाई होगी.
शिवसेना की तरफ से नियुक्त प्रतोद सुनील प्रभू की तरफ से यह याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि बागी विधायकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बाद राज्यपाल ने बहुत साबित करने का आदेश दिया है. जिसे रोकने की मांग की गई है. शिवसेना के वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में सुबह शिवसेना का पक्ष रखा. कोर्ट ने। पांच बजे सुनवाई के लिए लिस्टिंग किया है. उससे पहले 3 बजे तक शिवसेना को डाक्यूमेंट्स जमा कराने का आदेश दिया गया है.
बागी विधायकों की गोवाहाटी में बैठक
बागी विधायकों के साथ निर्दलीय विधायकों सहित कुल 51 विधायकों की गोवाहाटी के होटल बैठक हुई. बैठक के बाद सभी विधायक गोवा के लिए प्रस्थान करेंगे. गोवा के ताज रिसोर्ट एंड कन्वेंशन सेंटर में 70 कमरे बुक किए गए हैं. कल सुबह गोवा से निकलेंगे और पुलिस, सीआरपीएफ के प्रोटेक्शन में सीधे महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंचेंगे. शिंदे ने कहा कि हमारे पास दो तिहाई विधायकों के लिए जो संख्या 37 लगती है उससे ज्यादा विधायक हैं. हम कल फ्लोर टेस्ट के लिए पहुंचेंगे.
मातोश्री पर शिवसेना विधायकों की बैठक
राज्यपाल के आदेश के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मातोश्री पर शिवसेना के अन्य विधायकों की बैठक बुलाई है. वहां आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया जा रहा है. संभावना तलाशी जा रही है कि क्या विधायकों को पार्टी में रोकने के लिए मविआ से हट कर बीजेपी के साथ सरकार बना लेनी चाहिए. हालांकि कोर्ट के फैसले पर सबकी नजर रहेगी. समझा जा रहा है कि कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
बहुमत से दूर मविआ
फ्लोर टेस्ट में महाविकास आघाड़ी बहुमत से दूर है. शिवसेना के एक विधायक की मौत हो चुकी है. निर्दलीय विधायकों सहित 51 विधायक बागी खेमे में चले हैं. रांका के दो विधायक जेल में हैं जो वोट नहीं डाल सकते. जबकि रांका के दो मंत्री अजीत पवार और छगन भुजबल कोलोन संक्रमित होने के कारण वोटिंग करेंगे या नहीं इस पर सस्पेंस बना हुआ है. फिलहाल गणित मविआ के विपरीत है.




