महाराष्ट्र के राजनीतिक क्षितिज के नये चाणक्य
शरद पवार जैसे मंजे नेता खा गए गच्चा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
महाराष्ट्र राष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का चाणक्य कहा जाता रहा है. शिवसेना को अपने साथ मिला कर, राज्य सबसे बड़ी पार्टी देवेंद्र फडणवीस को पटखनी देकर सरकार बना ली थी. लेकिन महाराष्ट्र राजनीति के क्षितिज पर देवेंद्र फडणवीस नये चाणक्य बन कर उभरे, जिनकी सियासत के आगे शरद पवार भी फीके पड़ गए.
इस अपमान का घूंट पीने वाले देवेंद्र फडणवीस इसके बाद एकदम शांत हो गए. महाविकास आघाड़ी सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलते रहे.सरकार ढ़ाई वर्ष का कार्यकाल कि जश्न ठीक से मना भी नहीं सकी थी की साइलेंट किलर देवेंद्र फडणवीस का शिकार हो गई. पहली बार सरकार बनाने की असफलता से सबक सीख कर फडणवीस बिना किसी को भनक लगे अपने काम पर लगे रहे. मंत्रियों की गिरफ्तारी से परेशान पवार का ध्यान अपने मंत्रियों के बचाव में लगा रहा. शिवसेना के कई नेताओं पर ईडी का शिकंजा कसता रहा. सरकार गिर भी सकती है ? यह तो पवार ही कोई भी सपने में भी नहीं सोचा था.
सभी यही कह रहे थे सरकार पांच साल चलेगी. खुद को महाविकास आघाड़ी सरकार का शिल्पकार बताने वाले संजय राउत ने तो यहां तक कह दिया था कि सरकार पांच तो क्या पच्चीस साल चलेगी. इस गठबंधन को अब कोई हिला नहीं सकता. इन नेताओं के बड़बोले पन के कारण उद्धव ठाकरे भी उसी रौ में बह गए. वे समझ ही पाए कि ऐसा भी हो सकता है.
महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई फिर भी फडणवीस ने अपने पत्ते नहीं खोले. इस बार फुलप्रूफ एक्शन के साथ अपने काम में लगे रहे. मविआ ध्यान किरीट सोमैया पर रहा हनुमान चालीसा का पांसा एक निर्दलीय विधायक, सांसद के जरिए फेंककर शिवसेना को उसमें उलझा दिया. लोकसभा चुनाव में जब भाजपा के तीनों उम्मीदवारों की जीत हो गई थी तभी शिवसेना को सावधान हो जाना चाहिए था लेकिन दंभ के शिकार थे कि कुछ नहीं होगा. भाजपा नेताओं का बयान दिलवाते रहे कि सरकार गिर जाएगी. सरकार गिर भाजपा नेता गुगली फेंकते हैं. रहे. शियार, भेड़ वाली कहानी हो गई. आये दिन सरकार गिराने की बयानबाजी से मविआ के नेता गफलत में आ गए कि रोज सुबह उठ कर सरकार गिराने की बात झूठ का पुलिंदा भर है. विधान परिषद चुनाव में पांचों उम्मीदवारों की जीत के बाद फडणवीस ने जब यह दावा कर रहे थे कि यदि हम छठवां उम्मीदवार देते तो वह भी जीत जाता वाले बयान से भी सबक नहीं लिए.
महाराष्ट्र राष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का चाणक्य कहा जाता रहा है. शिवसेना को अपने साथ मिला कर, राज्य सबसे बड़ी पार्टी देवेंद्र फडणवीस को पटखनी देकर सरकार बना ली थी. लेकिन महाराष्ट्र राजनीति के क्षितिज पर देवेंद्र फडणवीस नये चाणक्य बन कर उभरे, जिनकी सियासत के आगे शरद पवार भी फीके पड़ गए.