
हरि प्रकाश तिवारी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा दल बदलु विधायकों ने पाला बदलना शुरु कर दिया है. बीजेपी ने संकेत दिए थे कि वे जनता के कार्य करने में विफल रहने वाले 100 विधायकों का टिकट काट सकती है. टिकट कटने के भय से विधायकों में खलबली मची हुई है. कैडर बेस पार्टी बीएमसी में तो भगदड मच गई है. चुनाव से पहले उसका सूपडा साफ होते नजर आ रहा है. शनिवार को लखनऊ के सपा मुख्यालय में कुल 7 विधायकों ने पार्टी का दामन थाम लिया जिसमें बसपा के 6 और एक बीजेपी विधायक शामिल थे.
बीजेपी के बागी विधायक राकेश राठौर पे सपा की सदस्यतस ले ली. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी बागी विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस दौरान अखिलेश ने भाजपा पर जमकर हमला बोला. भाजपा के एक विधायक शामिल होने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा पार्टी का नारा बदल देंगे. मेरा परिवार भाजपा परिवार की जगह नारा बदल के नाम होगा मेरा परिवार भागता परिवार रख देंगे. अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किए गए वादे पूरे नहीं किए. अखिलेश ने कहा कि समाजवादियों का मानना है कि जो कांग्रेस है वही भाजपा है जो भाजपा है वही कांग्रेस है. दोनों पार्टियों में कोई अंतर नहीं है. वे जो कहते हैं वह बिलकुल नहीं करते.
सपा में शामिल होने वाले विधायक
सुषमा पटेल, हरगोविंद भार्गव, असलम चौधरी,असलम राइनी, हाकिम लाल बिन्द और मुज्तबा सिद्दीकी है जबकि भाजपा के राकेश राठोड ने सपा की सदस्यता ग्रहण की.
बीजेपी ने आंतिरिक सर्वे कराया था जिसमें 100 विधायकों का काम परफार्मेंस के अनुरुप नहीं था. इन विधायकों का पत्ता साफ होने की खबर आई थी जिसके बाद पार्टी छोड़कर भागने में ही भलाई समझ रहे हैं. वैेसे भी बीएसपी और कांग्रेस की ताकत राज्य में क्षीण हो चुकी है. बीजेपी से मुकाबला करने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ही मैदान में बचे हैं. इसलिए दूसरी पार्टियों के विधायकों को लगता है कि सपा में ही उनका कल्याण हो सकता है.