इनसाइट स्टोरी विशेष : बड़े सपने-बड़े फैसले, देवेंद्र को ऐसे ही नहीं बनाया गया उपमुख्यमंत्री
जानिए इसके पीछे क्या है छुपा एजेंडा

भाजपा नेताओं को करने हैं बड़े काम
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Insight Story Special : दिल्ली .महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है. महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई है. यहां पर भाजपा और शिवसेना के बागी नेता शिंदे गुट की सरकार स्थापित हो गई है. महाराष्ट्र में भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री पद पर बैठने के लिए मजबूर किया. जबकि वे मुख्यमंत्री पद के लिए बड़े दावेदार थे. राजनीतिक हलकों में अब भी इस पर कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर देवेंद्र की जगह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री कैसे बना दिया गया. लेकिन देवेंद्र फडणवीस का उपमुख्यमंत्री बनाने के पीछे दिल्ली में बैठे भाजपा के दो नेताओं की दूरदृष्टि निहित है.
इनसाइट न्यूज स्टोरी ने देवेंद्र के उपमुख्यमंत्री बनाने के कारणों की गहराई से पड़ताल की तो बड़े सपने, बडे़ फैसले (Big dreams-big decisions) की जानकारी मिली. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह आगामी समय में दो बड़े फैसले करने जा रहे हैं. जिस कारण से महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में उनके पास गृहमंत्रालय का होना जरुरी था. महाविकास आघाड़ी के घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस के पास गृहमंत्रालय का होना भाजपा को मकसद पूरा करने में बाधक बन सकता था. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल को छोड़ दें, अब तक जितनी गठबंधन की सरकारें बनी हैं, जिसके पास मुख्यमंत्री पद रहता है उसके पास गृह मंत्रालय नहीं दिया जाता है. वर्ष 1995 में बनी शिवसेना भाजपा सरकार हो या उसके बाद जितनी भी गठबंधन की सरकारें बनी जिसका मुख्यमंत्री बना उसके पास गृह मंत्रालय कभी नहीं रहा.
देवेंद्र फडणवीस अकेले ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिनके पास राज्य का गृह मंत्रालय रहा. जबकि 1995 में बनी शिवसेना भाजपा सरकार में भी गृह मंत्रालय भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे के ही पास रहा. महाविकास आघाड़ी सरकार में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे तो, गृहमंत्रालय राष्ट्रवादी कांग्रेस के पास रहा. इस बार यदि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते तो गृहमंत्रालय शिंदे गुट को देना पड़ता इसलिए देवेंद्र को न चाहते हुए भी उपमुख्यमंत्री बनाया गया जिससे गृह मंत्रालय भाजपा के पास बना रहे. उद्धव ठाकरे जिस तरह हिंदुत्व का त्याग कर राष्ट्रवादी के हाथों खेल रहे थे उससे तो संभव नहीं था कि वे भाजपा द्वारा लाए जाने वाले इन दोनों कानूनों का समर्थन करते. इसलिए भाजपा ने पूरी ताकत से महाराष्ट्र सरकार की बलि लेनी पड़ी.
भाजपा सूत्रों के अनुसार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा दो बड़े निर्णय करने जा रही है जिसमें ‘समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून’ शामिल हैं. यह आरएसएस के उस अखंड भारत के सोच के अनुसार है जिसे लागू करने के लिए 100 वर्षों तक तपस्या की गई है. केंद्र में पहली बार भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया गया. जिसका विपक्षी पार्टियों ने बहुत विरोध किया. सीएए, एनआरसी लागू करने मुद्दे पर भी केंद्र को बहुत विरोध का सामना करना पड़ा. भाजपा को घेरने के लिए किसान आंदोलन का बवंडर खड़ा किया गया. इस आंदोलन के पीछे विपक्षी पार्टियां पूरी ताकत से खड़ी थी. मजबूरी में ही सही उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले भाजपा को पीछे हटना पड़ा, सीएए- एनआरसी पर भी तात्कालिक विराम देना पड़ा. हालांकि इन एजेंडों को भाजपा ने त्याग नहीं किया है.
अगले वर्ष आएगा समान नागरिक संहिता कानून
भाजपा सूत्रों के अनुसार अगले वर्ष तक जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक कानून लाया जाएगा, जिस पर विरोध प्रदर्शन होने की प्रबल संभावना है. महाराष्ट्र में गृह मंत्रालय भाजपा के पास रहेगा तो विरोध प्रदर्शन से निपटने में उसे आसानी होगी. इसलिए देवेंद्र फडणवीस के हाथ गृह विभाग दिलवा कर दूरगामी नतीजे हासिल का प्रयास किया गया है.