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अग्निपथ योजना को लेकर जबरदस्त उत्साह

भारतीय वायुसेना के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

Agnipath Scheme: दिल्ली. एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी (Air Chief Marshal VR Choudhary) ने रविवार को कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं में जबरदस्त उत्साह है. यह योजना सर्वश्रेष्ठ श्रमशक्ति के साथ एक छोटे और घातक बल के भारतीय वायुसेना के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नई भर्ती प्रणाली वायुसेना की संचालन क्षमता को किसी भी तरह से कम नहीं करेगी. चीफ एयर मार्शल मीडिया को संबोधित कर रहे थे.

वी आर चौधरी ने बताया कि चार साल की नियुक्ति अवधि में 13 टीमें अग्निवीरों के नामांकन, रोजगार, मूल्यांकन और प्रशिक्षण का जिम्मा संभालेंगी. उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन से पेंशन और अन्य खर्चों में होने वाली कोई भी कमी महज आकस्मिक है और इसे सुधार लागू करने की वजह नहीं मानना चाहिए.

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि अग्निपथ योजना भारतीय वायुसेना के श्रमशक्ति के सर्वोच्च दोहन के अभियान को आगे बढ़ाती है, जो एक दशक से चल रहा है. जिसके तहत हमने कई मानव संसाधन नीतियों और संगठनात्मक संरचनाओं की समीक्षा की है.

3000 पदों के लिए साढ़े सात लाख युवकों ने कराया रजिस्ट्रेशन
नई भर्ती योजना के तहत भारतीय वायुसेना के लगभग 3,000 पदों के लिए तकरीबन 7,50,000 आवेदकों ने पंजीकरण कराया है. वायुसेना प्रमुख ने कहा यह योजना सबसे अच्छे मानव संसाधन के साथ एक छोटे और घातक बल होने के भारतीय वायुसेना के दीर्घकालिक दृष्टिकोण की पूरक है, क्योंकि हम दृढ़ता से मानते हैं कि जरूरत के समय में किसी भी बल में शामिल पुरुष और महिलाएं उसकी ताकत को साबित करते हैं.

सेना में भर्ती के लिए ये है प्रावधान
14 जून को घोषित अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में केवल चार साल के लिए साढ़े 17 से 21 वर्ष तक के युवाओं की भर्ती करने का प्रावधान है, जिनमें से 25 फीसदी की सेवाएं 15 और वर्षों के लिए बरकरार रखी जाएंगी. साल 2022 के लिए भर्ती की ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष किया गया है.

पिछले महीने भारत के कई हिस्सों में अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए थे. प्रदर्शनकारियों ने यह कहते हुए योजना को वापस लेने की मांग की कि नई भर्ती प्रणाली 75 फीसदी अग्निवीरों को नौकरी की गारंटी नहीं देती है.

 युवा प्रौद्योगिकी के मामले में भी बेहद दक्ष 
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, लगातार बदलती और विकसित होती तकनीक के साथ एक वायु योद्धा से अपेक्षित बुनियादी कौशल में भी गुणात्मक बदलाव आया है. हमें लगता है कि आज के युवा न सिर्फ अलग और आवश्यक कौशल रखते हैं, बल्कि प्रौद्योगिकी के मामले में भी बेहद दक्ष हैं. उन्होंने दावा किया कि संगठनात्मक आवश्यकताओं और युवाओं की आकांक्षाओं के बीच तालमेल भारतीय वायुसेना को भविष्य में एक बेहद प्रभावी बल बनने के लिए आदर्श परिस्थिति मुहैया करेगा.

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