आदित्य की सभा के 10 घंटे बाद ही बदल गई निष्ठा
भिवंडी के 33 नगरसेवक शिंदे गुट में शामिल

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे (Adity Thackrey) ने गुरुवार सुबह भिवंडी में निष्ठा यात्रा के दौरान सभा को संबोधित किया था. उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि विधायक भले चले गए हैं लेकिन असली शिवसैनिक हमारे ही साथ हैं. ठाकरे की सभा के 10 घंटे भी नहीं बीते थे कि भिवंडी के 33 नगरसेवकों ने अपनी निष्ठा बदल कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) गुट में शामिल हो गए.
नगरसेवकों ने अपनी निष्ठा बदलते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नंदनवन आवास पर पहुंचे शिवसेना के सात और कांग्रेस के 26 नगरसेवक शिंदे गुट में शामिल हो गए. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केवल शिवसेना को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस को भी नुकसान पहुंचाने में लग गए हैं.
एकनाथ शिंदे की बगावत ने शिवसेना को बहुत मुश्किल में डाल दिया है. पहले शिवसेना के 40 विधायक शिंदे के साथ हो लिए. जिस कारण से राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद शिवसेना के 19 में से 12 सांसदों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया. विधायक-खासदारों के बाद स्थानीय पदाधिकारी व नगरसेवक भी लगातार शिंदे गुट में शामिल हो रहे हैं.
शिवसेना में बड़े पैमाने बगावत होने के बाद उद्धव ठाकरे शिवसेना भवन में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मिल रहे हैं, जबकि आदित्य ठाकरे पूरे महाराष्ट्र में निष्ठा यात्रा निकाल कर दौरा कर रहे हैं. शिवसेना को बचाने की ठाकरे परिवार पूरी कावायद कर रहा है. लेकिन जिस तरह शाम को उद्धव ठाकरे के साथ निष्ठा दिखाने वाले कार्यकर्ता सुबह एकनाथ शिंदे खेमें में शामिल हो रहे हैं. इससे लगता है कि उद्धव के हाथ से पार्टी की कमान पूरी तरह से छूट चुकी है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को छोड़ कर एकनाथ शिंदे पूरी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को ही बरखास्त कर दिया है.
आदित्य ठाकरे प्रत्येक बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में जाकर वहां के पदाधिकारियों से संपर्क कर उन्हें ठाकरे पारिवार के साथ रहने के लिए मना रहे हैं.लेकिन इसका परिणाम कुछ होता नहीं दिख रहा है. जिन कार्यकर्ताओं को मातोश्री पर आकर मत्था टेकना पड़ता था अब वही मातोश्री उनके दरवाजे पर जाने के बाद भी भाव नहीं मिल रहा है. हालांकि शिवसेना का गढ़ मुंबई के कार्यकर्ता अभी भी ठाकरे परिवार के साथ खड़ा दिख रहा है. एक पूर्व नगरसेविका को छोड़ कर शिंदे गुट यहां सेंध नहीं लगा सका है. जबकि मुंबई के पांच विधायक एक सांसद शिंदे गुट के साथ होने पर भी यहां अब भी शिवसेना के भीतर शिंदे गुट अपनी पैठ नहीं बना सका है.




