Breaking Newsमहाराष्ट्रमुंबई

जियोपॉलिमर, रैपिड हार्डनिंग कांक्रीट से भरे जाएंगे सड़कों के गड्ढे

बीएमसी कोल्ड मिक्स को करेगी बाय-बाय

बीएमसी कोल्ड मिक्स को करेगी बाय-बाय
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई की सड़कों पर भारी बारिश के कारण हुए गड्ढों को भरने के लिए बीएमसी प्रशासन ने जियोपॉलीमर और रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट (Road pits to be filled with geopolymer, rapid hardening concrete)
तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. इसी के तहत बीएमसी प्रशासन ने अगले 15 माह के लिए गड्ढों को भरने के टेंडर जारी कर दिए हैं. इन निविदाओं की विशेषता यह है कि कार्य पूर्ण होने के पन्द्रह माह की दोष दायित्व अवधि होगी. इसी प्रकार 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर तथा शेष 50 प्रतिशत दोष दायित्व अवधि पूर्ण होने पर ठेकेदार को भुगतान किया जायेगा.
     मुंबई महानगर में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण सड़कों में गड्ढे पड़ रहे हैं. इन गड्ढों को भरने के लिए कोल्ड मिक्स का उपयोग किया जा रहा है उसके बावजूद सड़कों में दुबारा गड्ढे पड़ जाते हैं.
 इस पृष्ठभूमि में अतिरिक्त मनपा आयुक्त (परियोजना) पी. वेलारासू ने हाल ही में सड़क विभाग को विभिन्न स्थानों पर सड़क निरीक्षण दौरे के बाद गड्ढों को भरने के लिए नई और उन्नत इंजीनियरिंग विधियों का परीक्षण करने का निर्देश दिया था.
  बीएमसी उपायुक्त (इन्फ्रास्ट्रक्चर) उल्हास महाले की देखरेख में सड़क विभाग ने ईस्ट फ्रीवे के अंतर्गत दयाशंकर चौक, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट रोड और अनिक-वडाला रोड पर विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन प्रस्तुत किया था. इसमें चार तरीके रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट, स्टील प्लेट से भरे एम60 कंक्रीट, जियो पॉलीमर कंक्रीट और पेवर ब्लॉक पायलट आधार पर प्रस्तुत किए गए.  इन चारों विधियों का प्रदर्शन अतिरिक्त आयुक्त पी. वेलरासू ने निरीक्षण किया था.
इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में बीएमसी सड़क विभाग की समीक्षा बैठक भी की गई थी. मुख्यमंत्री ने कमिश्नर डॉ. इकबाल सिंह चहल को मुंबई की सड़कों पर गड्ढों को भरने और नई तकनीकों के परीक्षण करने का निर्देश दिया था.
 बीएमसी ने पायलट परीक्षण के निष्कर्षों के अनुसार सड़कों पर गड्ढों को भरने के लिए रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट और जियो-पॉलीमर के दो नए और अभिनव तरीकों का उपयोग करने का निर्णय लिया है. मुंबई शहर, पूर्वी उपनगर और पश्चिमी उपनगर के तीन डिवीजनों के लिए लगभग 5 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ कुल पांच निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. इस निविदा के माध्यम से ठेकेदारों की नियुक्ति कार्यादेश जारी होने की तिथि से पन्द्रह माह की अवधि के लिए की जायेगी. पन्द्रह माह की गड्ढा भरने की अवधि समाप्त होने के बाद अगले पन्द्रह महीनों के लिए दोष दायित्व अवधि (डीएलपी) लागू होगी.यानी गड्ढा भरने के 30 महीना बाद तक की जिम्मेदारी ठेकेदार की रहेगी. ठेके की कुल राशि का 50 प्रतिशत भुगतान कार्य पूर्ण होने पर तथा शेष 50 प्रतिशत दोष दायित्व अवधि पूर्ण होने पर ठेकेदार को किया जायेगा. इन टेंडरों में ऐसा प्रावधान किया गया है. वर्तमान में 80 प्रतिशत राशि का भुगतान कार्य पूर्ण होने के बाद  तथा शेष 20 प्रतिशत भुगतान दोष दायित्व अवधि के दौरान किया जाता है.

Related Articles

Back to top button