शिवसेना में बगावत का मामला,पांच जजों की संविधान पीठ को भेजा
गुरुवार 25 अगस्त को संविधान पीठ करेगा सुनवाई

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Suprime Court दिल्ली. शिवसेना में हुए विद्रोह का मामला लटकता जा रहा है.(Rebellion in Shiv Sena sent to five-judge constitution bench)आज हुई सुनवाई में इस मामले को पांच जजों की संविधान पीठ को भेज दिया गया. 40 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अलग गुट बनाकर भाजपा से गठबंधन कर लिया. मामले की अगली सुनवाई भी गुरुवार को होगी.
शिवसेना और शिंदे समूह के बीच विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पिछले महीने से टाली जा रही थी. आज शिवसेना ने इस बारे में चीफ जस्टिस से गुहार लगाई. इसलिए आखिरकार मुख्य न्यायाधीश एन.वी रमन्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई. इस बार जज ने शिवसेना का पक्ष सुना . अब इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया गया है. अगली सुनवाई भी गुरुवार को यानी 2 दिन बाद यानी 25 अगस्त को संविधान पीठ के समक्ष होगी. साथ ही सांकेतिक मुद्दे पर कोर्ट को केंद्रीय चुनाव आयोग के चुनाव तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
अब तक इस मामले में 8 अगस्त, 12 अगस्त, 22 अगस्त और 23 अगस्त तक के लिए सुनवाई टाल दी गई थी. इसलिए शिवसेना ने महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष पर सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग की. हालांकि, मुख्य न्यायाधीश एन. वी रमना ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए स्पष्ट किया था कि मामले की सुनवाई निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 22 अगस्त को होगी. यह तय करना है कि राज्य में सत्ता संघर्ष की सुनवाई बड़ी संविधान पीठ को दी जाए या नहीं. मुख्य न्यायाधीश ने यह भी स्पष्ट किया था कि इस वजह से सुनवाई में देरी हो रही है. उसके बाद आखिरकार आज सुनवाई हुई.
शिवसेना किसकी? शिंदे समूह और शिवसेना द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश एन. वी सुनवाई रमन्ना की पीठ के समक्ष हुई. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संविधान पीठ को सौंपने पर सहमति जताई थी. शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं सुभाष देसाई, सुनील प्रभु ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को चुनौती दी है. शिवसेना ने बागी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने की अनुमति देने के राज्यपाल के फैसले पर सवाल उठाया है. शिवसेना ने शिंदे सरकार द्वारा पेश बहुमत के प्रस्ताव को विधायिका और उसकी चुनाव प्रक्रिया में चुनौती दी है.