बीएमसी हेड क्लर्क परीक्षा में पैसे लेकर पास करने का खेल
शून्य नंबर पाने वाले भी हुए पास, मनपा जीएडी अधिकारी का कारनामा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई महानगर पालिका में हेड क्लर्क परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. परीक्षा में कॉपी रीचेकिंग के नाम पर मोटी रकम लेकर (Money passing game in BMC head clerk exam) अभ्यर्थियों को पास किया गया है. यह खेल बीएमसी जीएडी विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर मिलिन सावंत की देखरेख में किए जाने का आरोप लगा है. म्युनिसिपल मजदूर यूनियन ने बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल और अतिरिक्त आयुक्त डॉ. संजय कुमार को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कर परीक्षा रद्द करने की मांग की है.
इनसाइट न्यूज स्टोरीज को एक अभ्यर्थी ने बताया कि मूल परीक्षा में फेल हुए जिन अभ्यर्थियों ने लाखों रुपए दिए उनकी कॉपी रीचेकिंग कर 10 से 15 नंबर देकर पास किया गया है. इस तरह रीचेकिंग में कुल 202 अभ्यर्थियों को पास किया गया.जिन अभ्यर्थियों ने पैसे नहीं दिए उन्हें जानबूझकर कम नंबर दिए गए.

बीएमसी हेड क्लर्क परीक्षा जुलाई 2022 में आयोजित की गई थी. यह परीक्षा मुख्य लिपिक,वरिष्ठ लेखापाल व सहायक लेखापाल पदों के लिए थी. म्युनिसिपल मजदूर यूनियन के सहायक सचिव शैलेन्द्र खानविलकर ने बताया कि लगभग 250 पदों के लिए 3000 अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा दी थी. परीक्षा परिणाम आने पर 337 अभ्यर्थी पास हुए थे. जो अभ्यर्थी मूल परीक्षा में फेल हो गए थे उन्होंने बीएमसी को पत्र लिख कर रीचेकिंग के लिए पत्र लिखा. मनपा के सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत ली गई परीक्षा में जिन फेल अभ्यर्थियों ने लाखों रुपए दिए उन्हें रीचेकिंग के बाद पास कर दिया गया.
इसी तरह मूल परीक्षा में बीएमसी कर्मचारी के एक बेटे जिसका क्रमांक 419 था उसे ‘0’ नंबर मिला था. रीचेकिंग के बाद उसे 15 अंक देकर पास किए जाने का आरोप म्युनिसिपल मजदूर यूनियन ने लगाया है. यूनियन के सहायक सचिव शैलेंद्र खानविलकर ने बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल और अतिरिक्त मनपा आयुक्त को पत्र लिख कर पूरी परीक्षा को ही रद्द करने की मांग की है. खानविलकर ने पत्र में लिखा है कि मनपा की इस परीक्षा शून्य नंबर पाने वाले को 15 नंबर से पास किया जा रहा है.
खानविलकर ने बताया कि हेड क्लर्क परीक्षा में बड़े पैमाने पर आर्थिक लेने देने किए जाने का संदेश है. पेपर रीचेकिंग करने वाले आंखें बंद कर कॉपी जांचते हैं, या उनका मनपा से भरोसा उठ गया है. फेल अभ्यर्थियों में से 202 को पास किया जा रहा है. यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है. इसलिए परीक्षा रद्द कर पुन: परीक्षा ली जानी चाहिए. क्योंकि इसमें आवेदन नहीं करने वाले अभ्यर्थियों को भी पास किए जाने की संभावना है.