मुंबई. मुंबई महानगरपालिका चुनाव की रणभेरी जल्द बजने वाली है. (Amit Shah said, prepare for the occupation of BMC) मुंबई आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में बीएमसी चुनाव की तैयारियों में जुटने के लिए कहा है. अमित शाह ने शिवसेना के बारे में कहा कि शिवसेना को हमने छोटा नहीं किया बल्कि वह अपनी नीतियों की वजह से छोटी हो गई है.
गणपति दर्शन के लिए दो दिवसीय मुंबई दौरे पर आए अमित शाह आज उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सागर बंगले पर बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की. मुंबई मनपा की 236 सीटों में से बीजेपी ने 135 सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर लिया है. बीएमसी चुनाव अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है. अमित शाह ने संकेत दिए कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ भाजपा युति कर चुनाव में उतरेगी.
पिछले 25 साल से मुंबई मनपा की सत्ता शिवसेना का कब्जा रहा है. एकनाथ शिंदे के साथ 41 विधायक और सांसदों के चलते जाने से शिवसेना कमजोर हुई है. इसलिए बीजेपी एकनाथ शिंदे के साथ मिल कर उस पर अंतिम प्रहार करने जा रही है. मुंबई सहित पूरे राज्य में कमजोर होने के बावजूद शिवसेना मुंबई मनपा चुनाव में 150 सीटें जीतने का टार्गेट तय किया है. दोनों तरफ से टार्गेट तय किए गए हैं. लेकिन हकीकत यह है कि कोई भी पार्टी मनपा में 100 सीटों को पार नहीं किया है.
पिछली बार सभी पार्टियां अलग होकर चुनाव लड़ी थीं जिसमें बीजेपी 31 सीट से बढ़ कर 82 पर पहुंच गई. उसी को देखते हुए भाजपा को लगता है कि इस बार राज्य में सरकार होने का फायदा मिलेगा और शिवसेना को मनपा की भी सत्ता से बेदखल किया जा सकता है. मुंबई मनपा की सत्ता ही शिवसेना की असली ताकत है. 85 हजार करोड़ रुपए की बजट वाली मनपा से शिवसेना को एक बार हटा दिया गया तो पांच साल में उसकी ताकत वैसे भी क्षीण हो जाएगी.
शिंदे गुट के साथ जा सकते 50 नगरसेवक
एकनाथ शिंदे गुट को उम्मीद है कि अभी मुंबई में उनके साथ आने वाले नगरसेवकों की संख्या बढ़ सकती है. वर्तमान में एकनाथ शिंदे गुट के साथ चार – पांच नगरसेवक हैं. आने वाले समय में यह संख्या 50 तक जा सकती है. शिवसेना उद्धव गुट की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
बीएमसी से शिवसेना को उखाड़ फेंकना है
बैठक में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस बार शिवसेना के साथ आर – पार की लड़ाई होगी. अब किसी भी हाल में मनपा की सत्ता से शिवसेना को उखाड़ फेंका जाएगा. पिछली बार मनपा की सत्ता शिवसेना के पास जाने दिया था. अब उससे सत्ता छीन लेना है.