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आखिरकार “लाल सिंह चड्ढा” फ्लॉप घोषित
शाहरुख खान की फिल्म "पठान" के खिलाफ शुरू हुआ बॉयकॉट अभियान

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर अभिनेता आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ पिछले हफ्ते 11 अगस्त को रिलीज हुई थी.(Finally “Lal Singh Chaddha” declared a flop)
आमिर की इस फिल्म की चर्चा काफी समय से हो रही थी ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा था कि यह बहुप्रतीक्षित फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा देगी. लेकिन सोशल मीडिया पर बॉयकॉट ट्रेंड के चलते फिल्म गोता खा गई और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जादू नहीं बिखेर पाई.कहा जा रहा है कि बॉयकॉट ट्रेंड की वजह से ही फिल्म फ्लॉप घोषित हो गई है. इस बीच बॉलीवुड के एक अन्य अभिनेता शाहरूख खान ( Shahrukh Khan Film Pathan) की आने वाली फिल्म “पठान” के खिलाफ भी बॉयकॉट का अभियान शुरु हो गया है.
आमिर की इस फिल्म की चर्चा काफी समय से हो रही थी ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा था कि यह बहुप्रतीक्षित फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा देगी. लेकिन सोशल मीडिया पर बॉयकॉट ट्रेंड के चलते फिल्म गोता खा गई और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जादू नहीं बिखेर पाई.कहा जा रहा है कि बॉयकॉट ट्रेंड की वजह से ही फिल्म फ्लॉप घोषित हो गई है. इस बीच बॉलीवुड के एक अन्य अभिनेता शाहरूख खान ( Shahrukh Khan Film Pathan) की आने वाली फिल्म “पठान” के खिलाफ भी बॉयकॉट का अभियान शुरु हो गया है.
इस बॉयकॉट ट्रेंड पर खुद आमिर खान, करीना कपूर खान समेत कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी.अब अभिनेता आर. इस बारे में माधवन ने अपनी राय रखी है. माधवन ने बॉलीवुड फिल्मों के फ्लॉप होने और दक्षिणी फिल्मों के सुपरहिट होने के कुछ कारण भी बताए हैं. माधवन बुधवार को मुंबई में अपनी अपकमिंग फिल्म ‘धोखा- राउंड डी कॉर्नर’ के टीजर लॉन्च के मौके पर मौजूद थे. इस मौके पर उन्होंने लाल सिंह चड्ढा के फ्लॉप होने और बॉलीवुड फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने पर अपने विचार व्यक्त किए.
लाल सिंह चड्ढा की विफलता के बारे में, माधवन ने कहा, “अगर हमें पता होता कि फिल्म सफल नहीं होगी, तो हम सभी हिट कर रहे होते. कोई भी निर्माता यह सोचकर फिल्म नहीं बनाता कि वह गलत फिल्म बना रहा है. इसके पीछे की मंशा सकारात्मक है और कड़ी मेहनत भी. अब तक जितनी भी बड़ी फिल्में रिलीज हुई हैं, उनका इरादा एक अच्छी फिल्म बनाने और उसमें अच्छा काम करने का रहा है.
साउथ की फिल्मों के हिट होने के बारे में उन्होंने कहा, ‘कुछ साउथ फिल्मों की सफलता के बाद यह सोचना गलत है कि साउथ की फिल्में हिंदी फिल्मों से बेहतर करती हैं. साउथ इंडस्ट्री की कुछ ही फिल्में अब तक सुपरहिट हुई हैं. साथ ही इसे प्रतिरूप नहीं कहा जा सकता. क्योंकि बाहुबली 1, बाहुबली 2, आरआरआर, पुष्पा, केजीएफ: पार्ट 1 और केजीएफ: पार्ट 2 सिर्फ छह सुपरहिट फिल्में हैं, आप इसे एक चलन नहीं कह सकते. अगर अच्छी फिल्में आती हैं, तो वे निश्चित रूप से हिट होंगी, चाहे भाषा कुछ भी हो.” माधवन ने विश्वास व्यक्त किया कि अगर दर्शकों को अच्छी सामग्री दी जाती है, तो वे सिनेमा जाएंगे और भाषा की परवाह किए बिना फिल्म देखेंगे.
इस बीच बॉलीवुड के खान अभिनेताओं के बयानों को लेकर देश भर में माहौल गरमा रहा है. हिंदू संगठनों ने चाहे आमिर खान हों, शाहरूख या सलमान इन पर हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया जा रहा है. खासकर आमिर खान से लोग बहुत खफा दिखाई दे रहे हैं. वे अपनी फिल्मों के लिए ऐसे विषय का चयन करते हैं जो परेशानी का सबब बन जाता है. खान अभिनेताओं की फिल्मों के बॉयकॉट का एक ट्रेंड सेट होने के बाद लोगों को लगता है कि वे सभी खान अभिनेताओं की फिल्मों का बहिष्कार कर सबक सिखा सकते हैं. या यूं कहें कि इनका समर्थन करने वाले हिंदू अभिनेताओं की फिल्मों को लोगों का कोपभाजन बनना होगा.