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ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की होगी कार्बन डेटिंग

न्यायालय ने स्वीकार की हिंदू पक्ष की मांग

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
वाराणसी. हिंदू पक्ष की मांग पर वाराणसी जिला न्यायालय में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में ज्ञानवापी के वजूखाने में मिले (Carbon dating of Shivling found in Gyanvapi)  शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की विनती स्‍वीकार कर ली है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 सितंबर तय की है. जिला शासकीय अधिवक्ता राणा संजीव सिंह ने बताया कि मामले की वादी चार महिलाओं की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने ज्ञानवापी परिसर में प्राप्त शिवलिंग जिसे मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है कार्बन डेटिंग कराने की मांग जिला न्यायालय के समक्ष रखी थी. जिला जज ने इसे स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 29 सितंबर तय की है.

मुस्लिम पक्ष को आपत्ति पेश करने का निर्देश 
जिला न्यायालय ने  मुस्लिम पक्ष से मामले की अगली सुनवाई पर इस पर आपत्ति पेश करने के लिए कहा है. संजीव सिंह ने बताया कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में 15 लोगों ने पक्षकार बनने के लिए जिला जज के न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है. इस पर जिला जज ए के विश्वेश ने कहा कि पक्षकार बनने के लिए 15 लोगों में से उपस्थित आठ लोगों के प्रार्थना पत्र पर ही विचार किया जाएगा, बाकी अनुपस्थित सात लोगों का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया जाएगा. सिंह ने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने जिला न्यायालय से इस मामले की सुनवाई के लिए आठ हफ्ते बाद समय तय करने की मांग रखी थी, जिसे जिला जज  ने खारिज कर दिया. मुस्लिम पक्ष के वकील मोहम्‍मद तौहीद ने बताया कि उच्‍चतम न्‍यायालय ने मामले की पोषणीयता पर जिला न्यायालय के फैसले के आठ सप्‍ताह बाद प्रकरण की सुनवाई आगे बढ़ाने को कहा था.

आठ सप्ताह बाद सुनवाई की मांग अस्वीकार 
मुस्लिम पक्ष ने इस मामले को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि यह मामला उपासना स्‍थल अधिनियम 1991 के खिलाफ है, लिहाजा यह सुनने योग्‍य नहीं है. न्यायालय ने पिछली 12 सितंबर को इस पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि यह मामला सुनवाई करने योग्‍य है. जिला न्यायालय ने पिछली 12 सितंबर को अपने निर्णय में मामले को सुनवाई के लायक माना था. लिहाजा मुस्लिम पक्ष ने मामले की सुनवाई आठ हफ्ते बाद करने के सिलसिले में प्रार्थनापत्र दिया था. जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया.

चार महिलाओं ने दायर की है याचिका 
विदित हो कि दिल्‍ली की रहने वाली राखी सिंह और वाराणसी की चार महिलाओं ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रंगार गौरी के रोजाना दर्शन-पूजन और विग्रहों की सुरक्षा के लिए वाराणसी की सिविल जज  की अदालत में याचिका दाखिल की थी. अदालत के आदेश पर पिछली मई में ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था. इसी दौरान ज्ञानवापी के भीतर वजूखाने में एक पत्‍थर मिला था. हिन्‍दू पक्ष का दावा है कि वह पुराना  शिवलिंग है जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह हौज में लगा फव्‍वारा है.

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