
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. सरकारी हो या प्राइवेट नौकरीपेशा लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली है. एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (Employees’ Provident Fund Organization) पीएफ खाताधारकों को भी अब टैक्स के दायरे में लाया गया है, यानी पीएफ खाते पर भी टैक्स लगेगा. केंद्र सरकार पीएफ खाते को दो केटेगरी में विभाजित करने जा रही है. नौकरीपेशा लोगों का उनके वेतन का कुछ हिस्सा पीएफ खाते में जमा होता है. लेकिन अब पीएफ (PF) के नियमों में कुछ नए बदलाव होने वाले हैं. 1 अप्रैल, 2022 से मौजूदा पीएफ अकाउंट्स को दो भागों में बांटा जा सकता है.
गत वर्ष सरकार ने नए इनकम टैक्स नियमों को नोटिफाई किया था. अब इसके तहत पीएफ अकाउंट्स को दो हिस्सों में बांटा जाएगा. इनमें सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के एंप्लाई कॉन्ट्रिब्यूशन (Employee Contributions) होने की स्थिति में पीएफ से होने वाली आय पर टैक्स लगाया जाएगा. हाई इनकम वाले लोगों को सरकारी वेलफेयर स्कीम का फायदा लेने से रोकने के लिए नया नियम बनाया गया है. मौजूदा पीएफ अकाउंट्स को टैक्सेबल और नॉन-टैक्सेबल कॉन्ट्रिब्यूशन अकाउंट्स में बंट जाएंगे.
इस तरह लगेगा टैक्स
* नॉन-टैक्सेबल अकाउंट्स में उनका क्लोजिंग अकाउंट भी शामिल होगा, क्योंकि इसकी तारीख 31 मार्च, 2021 होती है.
* नए पीएफ नियम अगले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल, 2022 से लागू हो सकते हैं.
* सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के एंप्लाई कॉन्ट्रिब्यूशन से पीएफ इनकम पर नया टैक्स लागू करने के लिए आईटी नियमों के तहत एक नई धारा 9डी शामिल की गई है.
* टैक्सेबल ब्याज गणना के लिए मौजूदा पीएफ अकाउंट में दो अलग-अलग अकाउंट भी बनाए जाएंगे.
* जिसकी सेलरी सलान ढ़ाई लाख से अधिक होगी उन खाताधारकों को पीएफ आय पर टैक्स लगेगा.
* सालाना ढ़ाई लाख से कम आय वालों को टैक्स से बाहर किया जा सकता है.




