अंधेरी विधानसभा उपचुनाव ॠतुजा लटके को लेकर फंसा पेंच
SSUBT के नेताओं की टेंशन में इजाफा, काट रहे मनपा के चक्कर

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई.शिवसेना ने अंधेरी पूर्व (Andheri East by election) से अपने दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी ॠतुजा लटके (Rituja Latke) को प्रत्याशी बनाया है. लेकिन ॠतुजा लटके को लेकर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (SSUBT) में बड़ा पेंच फंस गया है. ॠतुजा के नामांकन के बाद भी उद्धव ठाकरे की शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं.
गौरतलब हो कि ॠतुजा लटके बीएमसी में कर्मचारी हैं. इसलिए उनकी उम्मीदवारी से पहले प्रशासनिक कठिनाई खड़ी हो गई है. मनपा सेवा नियमावली के अनुसार, इस्तीफे या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन के तीन महीने के भीतर इसे मंजूरी देनी होती है. दिलचस्प बात यह है कि रमेश लटके के निधन के बाद ॠतुजा लटके ने प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. बीएमसी प्रशासन उनका इस्तीफा स्वीकार करे इसलिए उद्धव ठाकरे के विश्वासपात्र अनिल परब भाग दौड़ कर रहे हैं. बिना इस्तीफा मंजूर हुए चुनाव लड़ने और जीतने के बाद बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है.
अनिल परब के नेतृत्व में पूर्व पार्षदों की टीम बीएमसी आयुक्त और सामान्य प्रशासन विभाग के चक्कर काट रहे हैं. यदि बीएमसी आयुक्त ऋतुजा लटके के इस्तीफे को मंजूरी नहीं देते हैं तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना के लिए बड़ी मुश्किल हो सकती है.
ॠतुजा लटके बीएमसी उपायुक्त कार्यालय में कार्यरत हैं= दिलचस्प बात यह है कि यह विभाग बीएमसी आयुक्त के अधीन आता है. लटके ने एक महीना पहले ही अपना इस्तीफा सौंपा था. इसे अविलंब स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया गया. उसके बाद भी इसे स्वीकार नहीं किया गया है. शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेता अनिल परब एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल से मुलाकात की और उनसे ॠतुजा लटके का इस्तीफा तुरंत स्वीकार करने का अनुरोध किया. उस प्रतिनिधिमंडल में अनिल परब के साथ मुंबई के पूर्व महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर, पूर्व पार्षद मनोहर पांचाल, सुभाष कांता सावंत, प्रमोद सावंत भी शामिल थे. इस्तीफा स्वीकार होगा भी या नहीं इसको लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है.