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चुनाव हारने पर दुबारा चाहिए थी बीएमसी की नौकरी

इस्तीफे में कंडीशन रख फंस गई ॠतुजा लटके

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. अंधेरी पूर्व से उपचुनाव लड़ रही SSUBT की प्रत्याशी ॠतुजा लटके दो नाव की सवारी करने के (BMC’s job was needed again after losing the election) चक्कर में बुरी तरह से फंस गई हैं. अब उनका चुनाव लड़ना सत्ताधारी पार्टी पर निर्भर हो गया है. बीएमसी ने अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं करने के कारणों का खुलासा हुआ है. दरअसल ॠतुजा ने अपने इस्तीफे में यह कंडीशन रखा था कि यदि वे चुनाव हारती हैं तो उन्हें दुबारा बीएमसी की सेवा में लिया जाए. इस कंडीशन के कारण उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा सका.

अंधेरी पूर्व में  3 नवंबर को चुनाव होगा. शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने ॠतुजा लटके और बीजेपी ने पूर्व पार्षद मुरजी पटेल के बीच मुख्य मुकाबला है. बीएमसी कर्मचारी ॠतुजा लटके ने एक महीने पहले इस्तीफा दिया था  जिसे बीएमसी प्रशासन द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है. अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. कानूनविदों का कहना है कि  अगर इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया तो वे अंधेरी उपचुनाव में अपना आवेदन पत्र दाखिल नहीं कर पाएंगी. हालांकि यह बात सामने आ रही है कि ॠतुजा लटके द्वारा इस्तीफे की अर्जी में लगाई गई शर्तों के चलते इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया.

जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक ऋतुजा लटके के बीएमसी इस्तीफे मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. अगर उन्होंने 1 महीने पहले इस्तीफा दिया था, तो अभी तक इसे मंजूरी क्यों नहीं मिली? इस सवाल का जवाब सामने आ गया है. पता चला है कि ॠतुजा लटके ने यह इस्तीफा सशर्त दिया है  यदि हम विधानसभा चुनाव हार जाते हैं, तो बीएमसी सेवा फिर से फिर से समाहित करें. यानी चुनाव जीतने के प्रति ॠतुजा लटके का मनोबल डिगा हुआ है.

बीएमसी अधिकारी ने इसे तकनीकी तौर पर बड़ी समस्या कहा है.इस्तीफा कोई चेतावनी नहीं है, यह बात सामने आ रही है कि कानूनी विशेषज्ञों ने बीएमसी प्रशासन को सलाह दी है कि कोई भी इस्तीफा सशर्त नहीं हो सकता. इसके बाद कहा जा रहा है कि ॠतुजा लटके ने संशोधित आवेदन किया है. जिसमें कोई शर्त नहीं है. लेकिन क्या इस त्याग पत्र को नया आवेदन माना जाए? फैसला बीएमसी प्रशासन को करना है. क्योंकि नोटिस की अवधि नियम में तभी पूरी होती है जब पहले की तारीख मानी जाए. जानकारी सामने आ रही है कि यह फैसला इस बात पर निर्भर करता है कि शिवसेना में कौन सी पार्टी ॠतुजा लटके  को उम्मीदवारी के लिए तैयार है. क्योंकि बीएमसी प्रशासन केवल राज्य सरकार की सत्तारुढ़ पार्टी की बात सुनता है.

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