रजा अकादमी पर बढ़ी बैन लगाने की मांग
महाराष्ट्र के कई जिलों में हिंसा के लिए बताया जा रहा जिम्मेदार

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा का बहाना बना कर मुस्लिम संगठनों ने महाराष्ट्र के नांदेड़, मालेगांव, अमरावती, यवतमाल में तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को लूट लिया. पुलिस पर पथराव के साथ ही कई प्रतिष्ठानों को आग के हवाले कर दिया. महाराष्ट्र में हुई इस हिंसा के लिए मुंबई की संस्था रजा अकादमी को जिम्मेदार बताया जा रहा है. यह वही रजा अकादमी है जो असम हिंसा और म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचार के खिलाफ 11 अगस्त 2012 को रैली निकाली थी. आजाद मैदान में जुटी हजारों की भीड़ बेकाबू होते हुए हिंसा पर उतर आयी. महिला पुलिस कर्मियों के सात अभद्र व्यवहार किया गया.
उसी रजा अकादमी को एक बार फिर महाराष्ट्र में दंगा करने का दोषी माना जा रहा है. महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद इनके हौंसले बुलंद हो गए हैं. आजाद मैदान दंगे के बाद शिवसेना ने दंगाईयों के खिलाफ अपने स्टाइल में कार्रवाई की चेतावनी दी थी. लेकिन वह भी महाराष्ट्र सरकार में शामिल है. शिवसेना नेता इसके लिए त्रिपुरा दंगे को जिम्मेदार बता रहे हैं.
रजा अकादमी पर बैन लगाने की उठी मांग
दुकानें बंद रख प्रोटेस्ट में आने के लिए रजा अकादमी की तरफ से अपील की गई थी. जिसके बाद भीड़ में जमा उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ करते हुए आग के हवाले कर दिया. अब हिंदू संगठनों की तरफ से रजा अकादमी पर बैन लगाने की मांग की जा रही है.
दोहराया गया मुंबई पैटर्न
जिस तरह 11अगस्त 2012 को रजा अकादमी ने आजाद मैदान में शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट करने के नाम पर दंगे भड़काए थे महाराष्ट्र के दूसरे जिलों में उसी पैटर्न को दोहराते हुए दंगे की साजिश रची गई. शुक्रवार 12 नवंबर को जिस साजिश के तहत तोड़ फोड़ की गई यह महाविकास आघाड़ी के लिए घातक साबित होगा.
शिवसेना का रंग बदल गया
मुंबई बीजेपी प्रवक्ता भालचंद्र शिरसाट ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ अकादमी के मौलाना मोईन मियां की तस्वीरे ट्वीट कर कहा है कि शिवसेना का रंग बदल गया है. मुंबई दंगों के बाद जिस रजा अकादमी को सरकार के आस पास नहीं फटकने दिया जाता था अब मविआ की सरकार के मुखिया पुलिस मुख्यालय में रजा अकादमी की बैठक बुलाकर सम्मानित कर रहे हैं. शिरसाट ने आरोप लगाया कि शिवसेना अपना रंग बदल दिया है.