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कोर्ट कमिश्नर ने पेश की ज्ञानवापी की रिपोर्ट

बोले विशाल सिंह,तीन दिन से नहीं सोया

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
 वाराणसी. वाराणसी कोर्ट की तरफ से नियुक्त किए गए कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ( Court commissioner Vishal Singh presented the report of Gyanvapi) ने ज्ञानवापी सर्वेक्षण की रिपोर्ट आज कोर्ट को सौंप दी. एक दिन पहले पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र (Ajay Mishra) ने भी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी थी. विशाल सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट तैयार करने के तीन दिन से सोया नहीं हूं. विशाल सिंह ने कहा कि उन्होंने तथ्यता: अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इसमें कोई पक्षपात नहीं किया गया है.
70 पन्नों की सौंपी रिपोर्ट
ज्ञानवापी मस्जिद और सिंगार गोरी मंदिर मामले में कोर्ट ने सर्वे के लिए तीन सदस्यीय कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था. रिपोर्ट लीक होने के बाद कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया गया था. विशाल सिंह ने कहा कि जिला अदालत के जज रवि दिवाकर की अदालत में 70 पेज की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंप दी है.
दो दिन तक मुख्य कोर्ट कमिश्नर रहे अजय मिश्रा ने कल शाम अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी थी. बताया जा रहा है कि उन्होंने केवल दो पन्ने में अपनी रिपोर्ट दी है.
ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान की गई वीडियोग्राफी और फोटो को कोर्ट की ट्रेजरी में पहले ही जमा किया जा चुका है.
पहले कोर्ट ने अकेले अजय मिश्रा को सर्वे करने की ज़िम्मेदारी दी थी.  जज रवि दिवाकर ने सबसे पहले उन्हें ही कमिश्नर बनाया था. अजय मिश्रा ने दो दिन 6 और 7 मई को अकेले सर्वे की कार्यवाही की थी. बाद में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति के बाद कोर्ट ने अजय मिश्रा के साथ विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को नियुक्त कर सर्वे रिपोर्ट 17 मई को दाखिल करने के आदेश दिए थे. हिंदू पक्ष ने याचिका दायर कर कोर्ट से मांग की थी कि अजय मिश्रा को उनकी रिपोर्ट सौंपने की अनुमति दी जाए. जिसके बाद कोर्ट की अनुमति से अजय मिश्रा की भी रिपोर्ट अदालत में जमा कर दी गई है. इस मामले में अब कोर्ट को अपना निर्णय सुनाना है.
 सुप्रीम कोर्ट में भी आज सुनवाई
ज्ञानवापी मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई की जाएगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है उसे सील कर सुरक्षित किया जाए. लेकिन नमाज पढ़ने से किसी को रोका न पहुंचे जाए. कोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत की कार्रवाई में भी हस्तक्षेप की मांग पर कहा था कि उनकी कार्यवाही हो जिने दीजिए ,अभी हस्तक्षेप करना ठीक नहीं है.

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