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क्वारंटाइन किए जाएंगे खसरा मरीज
राज्य में खसरा मरीजों पर नियंत्रण के लिए टास्क फोर्स ने दिए निर्देश

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra Measles) में बढ़ते खसरा से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन व नगर पालिकाओं को (Measles patients will be quarantined) आइसोलेशन व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. खसरा रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए नियुक्त टास्क फोर्स (Task force)की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है.
राज्य में खसरे के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. रविवार को संदिग्ध खसरे के मरीजों की संख्या 10 हजार 544 पर पहुंच गई है. खसरे से संक्रमित लोगों की संख्या 658 पर पहुंच गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि एक खसरा मरीज 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है इसलिए कोविड की तरह आइसोलेशन जरुरी हो गया है.
कोरोना लॉकडाउन में मरीजों को अलग क्वारंटाइन करने की व्यवस्था शुरु की गई थी. तीन साल तक संक्रमित लोगों को क्वारंटाइन किए जाते रहे. राज्य खसरे की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इसी पृष्ठभूमि में टास्क फोर्स ने संक्रमितों को क्वारंटाइन करने के निर्देश दिए हैं.
जिला प्रशासन, महानगरपालिका करें तैयारी
टास्क फोर्स की बैठक में जिला प्रशासन व महानगर पालिकाओं को निर्देश दिए गए हैं कि खसरे से संक्रमित बच्चों को कम से कम सात दिन आइसोलेशन में रखा जाए. टास्क फोर्स ने इसके लिए अस्पताल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. इसी प्रकार यदि कुपोषित बच्चे खसरे से संक्रमित होते हैं तो उन्हें अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है. नहीं तो इससे उनकी जान जा सकती है. इसलिए टास्क फोर्स ने कुपोषित बच्चों का सर्वे कर उन्हें आवश्यक पोषण व विटामिन `ए´ की खुराक देने के निर्देश भी प्रशासन को दिए हैं.
ग्रामीण इलाके में भी पसरा खसरा
मुंबई में खसरे के मामलों की संख्या से राज्य भर की स्वास्थ्य व्यवस्था सतर्क हो गई है. इस बीच, औरंगाबाद शहर में संदिग्ध खसरा मिलने से जिले के ग्रामीण इलाकों में भी स्वास्थ्य व्यवस्था अलर्ट हो गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में बिना टीकाकरण वाले बच्चों को खोजने और उनका टीकाकरण करने के लिए एक सर्वेक्षण अभियान शुरू किया गया है. मुंबई में शनिवार तक खसरे के 222 मरीज मिले हैं. अब तक 13 मरीजों की मौत हुई जिसमें मरीज बाहर के थे.
खसरा संक्रमण के लक्षण
शुरुआत में तेज बुखार, खांसी, जुकाम जैसे लक्षण देखे जाते हैं. दूसरे और तीसरे दिन शरीर पर लाल दाने दिखाई देते हैं. कुछ बच्चे दस्त और उल्टी से भी पीड़ित होते हैं.यह बुखार करीब पांच से सात दिन तक शरीर पर रहता है.इसमें कुछ बच्चों को एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन, निमोनिया, दिमाग में सूजन, इंसेफेलाइटिस, अंधापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. साथ ही बच्चों की मृत्यु का भी डर है.