दिल्ली.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में विश्व की सबसे लंबी ट्विन-लेन टनल ‘सेला टनल’ (Sela Tunnel) का उद्घाटन किया. टनल 1-1003 मीटर और टनल 2-1595मीटर लंबी है. 13000 फिट की ऊंचाई पर बनी जुड़वां सुरंग तवांग तक सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. (Prime Minister inaugurates the world’s longest tunnel)
बार्डर एंड रोड आर्गनाइजेशन ( BRO) ने इसे 835 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया है. अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में आयोजित विकसित भारत विकसित उत्तर पूर्व कार्यक्रम के समय प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य राज्य की 10,000 करोड़ रुपये की उन्नति योजना सहित कई अन्य विकासात्मक परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया. प्रधानमंत्री नार्थ ईस्ट के 55,600 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट की घोषणा की है.
Sela Tunnel Arunachal Pradesh
यह सुरंग महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चीन की सीमा से लगे तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. इससे तवांग की यात्रा का समय भी कम से कम एक घंटे कम हो जाएगा, जिससे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम क्षेत्रों में हथियारों, सैनिकों और उपकरणों की तेजी से तैनाती हो सकेगी. सेला दर्रे के पास स्थित सुरंग की आवश्यकता थी क्योंकि भारी बारिश के कारण बर्फबारी और भूस्खलन के कारण बालीपारा-चारिदवार-तवांग रोड साल में लंबी अवधि के लिए बंद रहता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ‘सेला टनल’ का उद्घाटन
ऐसा कहा जाता है कि ‘सेला टनल’ परियोजना न केवल देश की रक्षा तैयारियों को बढ़ावा देगी बल्कि क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी.
परियोजना की नींव पीएम मोदी ने फरवरी 2019 में रखी थी, हालांकि, कोविड-19 महामारी सहित विभिन्न कारणों से काम में देरी हुई. अब परियोजना के पूरा होने से चीन के साथ अंतर को पाटने के उद्देश्य से भारत के सीमा बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित हुआ है. इस टनल से रोजाना 3000 कार और 2000 ट्रक गुजर सकती हैं. जहां चीन बार्डर एरिया में गांव बना रहा है, वहीं हमारे सैनिकों को बार्डर एरिया में पैदल चल कर जाना पड़ता था. हालांकि अब यहां हो रहे विकास से बार्डर का परिदृश्य बदलने वाला है.