स्पेशल रिपोर्ट: आरे में प्रस्तावित नाइट सफारी का क्या है हाल
नाईट सफारी के लिए आरक्षित है 190 एकड़ भूमि

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Aarey Night Safari: मुंबई महानगरपालिका (MCGM Devlopment Plan) द्वारा मुंबईकरों को एक और जू का तोहफा देने के लिए डेवलपमेंट प्लान में गोरेगांव स्थित आरे के जंगल में नाईट सफारी प्रस्तावित किया था. वर्ष 2000 में तैयार किए गए डीपी के बाद अब तक नाइट सफारी निर्माण को लेकर कोई हलचल नहीं हुई. 2019 से ही आरे सुर्खियों में है. मेट्रो कारशेड निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई इसका प्रमुख कारण रहा. आरे मेट्रो को लेकर शुरू हुई राजनीति में नाईट सफारी कहां पीछे छूट गया इसकी चिंता राजनीतिज्ञों को नहीं है. राजनीति की धुरी बदली मेट्रो कारशेड का निर्माण शुरू हुआ अब संभवतः नाईट सफारी के लिए भी हलचल शुरू हो. भाजपा के पूर्व नगरसेवक कमलेश यादव ने प्रस्तावित नाईट सफारी निर्माण के लिए अपनी आवाज बुलंद की है. (Special Report: What is the condition of the proposed night safari in Aarey)
सरकार और बीएमसी के साईन हुआ एमओयू
गौरतलब हो कि मुंबई में बढ़ती आबादी और भायखला स्थित वीरमाता जीजाबाई भोसले वनस्पति उद्यान एवं जू में होने वाली भीड़ को देखते हुए केंद्र सरकार ने नया चिड़ियाघर बनाने के लिए पहले ही मान्यता दे चुका है. तत्कालीन वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर, शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे, बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी की उपस्थिति में मनपा के बीच आरे में नया चिड़ियाघर बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए की लागत वाला एमओयू भी साइन किया गया था. लेकिन प्रस्तावित नए चिडियाघर बनाने में हो रही देरी से मुंबई के लोग हताश हैं.
राजनीति की भेंट चढ़ा नाईट सफारी
बीएमसी द्वारा बनाए गए पिछले डीपी में आरे के जंगल में 190 एकड़ जमीन नाइट सफारी और कन्वर्सेशन ब्रीडिंग सेंटर के लिए आरक्षित की गई है. मुंबई में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए यह कांसेप्ट सामने आया था. लेकिन उसके बाद आए कोरोना और फिर मेट्रो कारशेड के लिए शिवसेना- भाजपा के बीच शुरू हुई राजनीति में नाईट सफारी का निर्माण अधर में लटक गया.
शिवसेना ने आरे को घोषित किया जंगल आरे में कारशेड बनाने को लेकर शिवसेना-भाजपा के बीच पैदा हुए विवाद के बाद उद्धव ठाकरे सरकार ने पूरे आरे को जंगल घोषित कर दिया. जबकि वहां डीपी प्लान में नाइट सफारी बनाने का आरक्षण अब भी मौजूद है. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जू अथवा नाइट सफारी बनाने के लिए फंडिंग केंद्र सरकार ही करती है. लेकिन राजनीति के चक्कर में मुंबईकरों को नाईट सफारी से वंचित हो रहे हैं.
रानीबाग में बढ़ती भीड़
मुंबई का एकमात्र चिड़ियाघर रानीबाग देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है. यहां बाघ, शेर, हिरण मृग, चीता, भालू, बंदर, हाथी, नीलगाय, मगरमच्छ, गैंडा, हिप्पो आदि वन्यजीव देखे जा सकते हैं. नव विकसित पेंगुइन कक्ष में पर्यटक पेंगुइन देखने भारी भीड़ जुटती है. एमएमआर में एकमात्र चिड़ियाघर होने के कारण दूर दूर से लोग यहां आते हैं. वीकेंड खासकर अवकाश या शनिवार और रविवार को पर्यटकों की संख्या 25,000 से 30,000 तक पहुंच जाती है.
बढ़ती भीड के कारण पर्यटकों के साथ-साथ रानीबाग प्रशासन के कर्मचारियों को भी काफी परेशानी होती है. भीड़ के कारण कभी कभी पर्यटकों को रानीबाग देखे बिना ही लौटना पड़ता है, इससे बचने के लिए मुंबई के उपनगर में रानीबाग जैसा एक और प्राणी संग्रहालय बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी.
भाजपा के पूर्व नगरसेवक कमलेश यादव ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल को पत्र लिख कर आरे में प्रस्तावित भूमि पर चिड़ियाघर बनाने की मांग की है.यादव का कहना है कि रानीबाग में भीड़ के कारण दर्शकों को कई बार बिना देखे वापस लौटना पड़ता है, इससे मुंबई के 2 करोड़ लोगों मनोरंजन से वंचित नहीं रखा जा सकता. नगरसेवक कमलेश यादव न केवल पहल की है.बल्कि प्रस्तावित भूमि पर नाईट सफारी बनाने के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. ताकि एमएमआर के लोगों को मनोरंजन के लिए नया चिड़ियाघर बनाया जा सके.