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सुप्रीम कोर्ट में टली शिवसेना की सुनवाई, 14 फरवरी मिली नई तारीख

7 जजों की बेंच के समक्ष करें सुनवाई उद्धव गुट की अपील

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Suprime Court) में चल रहे महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष (Maharashtra Shivsena ) की आज होने वाली सुनवाई टल गई है. इस मामले की सुनवाई अब 14 फरवरी को होगी. शिवसेना उद्धव गुट ने मामले की सुनवाई 7 बेंच के जस्टिस के सामने करने की मांग रखी है.( Shiv Sena’s hearing postponed in Supreme Court, February 14 got new date)

महाराष्ट्र में बीजेपी की मदद से एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर दी थी. जिसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई.

नई सरकार के गठन, 16 विधायकों की अयोग्यता पर विवाद, विधानसभा उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जैसी विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में संयुक्त सुनवाई हुई. 1 नवंबर को जब मामलों की सुनवाई हुई, तो जस्टिस ने दोनों समूहों को दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया था. इस मामले की सुनवाई 29 नवंबर को होने वाली थी. पांच जजों में से उस वक्त जस्टिस कृष्ण मुरारी उपलब्ध नहीं थे. इसलिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में देरी हुई.

सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी 2023 की तारीख दी थी. लेकिन शिवसेना की तरफ से 7 जजों की बेंच के समक्ष सुनवाई की मांग की गई. इस मामले की सुनवाई अब 14 फरवरी को होगी. यह भी स्पष्ट किया गया कि सुनवाई प्रधान न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष होगी.

आने वाले समय में  धनुष बाण चुनाव चिन्ह का असली हकदार कौन है, इस विवाद पर आगामी सप्ताह में सुनवाई होगी. बालासाहेब की शिवसेना और शिवसेना यूबीटी ने प्राथमिक सदस्यों की सूची सुप्रीम कोर्ट में पेश की है. इन दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी.

शिवसेना यूबीटी ने 1.5 लाख से अधिक प्राथमिक सदस्यों के पत्र  और लगभग तीन लाख शपथ पत्र केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपे गए हैं.  बालासाहेब की शिवसेना की तरफ से 7 लाख सदस्यों के नाम केंद्रीय चुनाव आयोग को दिए गए हैं. ठाकरे समूह में शिंदे समूह से दोगुने सदस्य हैं, इसलिए उनकी पार्टी भारी मानी जाती है.

ठाकरे गुट की तरफ से अयोग्य घोषित किए गए 16 विधायकों के मामले में, 21 जुलाई को शिंदे समूह द्वारा विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सुनवाई हुई.  इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन. वी जस्टिस रमन, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की तीन-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शिवसेना के लिए और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने शिंदे समूह के लिए तर्क दिया.,बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्थिति जस की तस रखते हुए सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी.यह सुनवाई एक बार फिर टल गई है.

चुनाव आयोग ने शिवसेना के दोनों गुटों को अलग नाम और चुनाव चिन्ह दिया था. लेकिन अलग नाम और चुनाव चिन्ह केवल अंधेरी उप चुनाव के लिए था. इसलिए शिवसेना पार्टी किसकी, चुनाव चिन्ह धनुष बाण किसकी इसका फैसला सुप्रीम में किया जाएगा. इस मामले में शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता सांसद संजय राऊत ने कहा कि 14 फरवरी से मामले की लगातार सुनवाई होगी. हमें पूरा विश्वास है कि न्याय मिलेगा.

 

 

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