राम नवमी पर यूं सजा बुर्ज खलीफा, लेकिन देश के कुछ लोगों को रास नहीं आ रहे राम

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. सऊदी अरब का पड़ोसी मुस्लिम देश यूनाइटेड अरब अमीरात में गुरुवार को विश्व की मशहूर इमारत बुर्ज खलीफा पर हिंदुओं की आस्था के केंद्र मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की विशालकाय प्रतिमा को दर्शा कर रामनवमी मनाई गई. वहीं भारत में रामनवमी के दिन देश के ही कुछ नागरिकों को रामनवमी रास नहीं आई. मलाड मालवणी में तो बड़े जुल्फों वाले एक उपद्रवी ने भगवान राम की प्रतिमा पर चप्पल फेंक कर पूरी मुंबई को दंगे की आग में झोंकने का प्रयास किया. लेकिन मालवणी के कुछ समझदार मुस्लिम बंधुओं और पुलिस की सतर्क निगाहों से मामले को आगे बढ़ने से रोक दिया. (Burj Khalifa decorated like this on Ram Navami, but some people of the country are not liking Ram)
एक मुस्लिम देश भगवान राम का चित्र प्रदर्शित कर यह साबित किया कि सभी धर्मों का सम्मान किस तरह किया जाता है. लेकिन अपने ही देश में कुछ कट्टर पंथी सोच वाले उपद्रवियों को भगवान राम नहीं सुहाते हैं. ऐसे दोनों समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने का काम करते हैं.
रामनवमी पर महाराष्ट्र में बड़ी घटना नहीं हुई लेकिन पश्चिम बंगाल, बिहार इस दिन के मौके पर जगह जगह दंगे हो रहे हैं. गोलियां चलाई जा रही हैं. बिहार में दूसरे दिन भी दंगों की आग में झुलसता दिखाई दिया. बुर्ज खलीफा भले एक इमारत है लेकिन इस इमारत से निकले संदेश बहुत गहरे हैं. बुर्ज खलीफा पर भगवान राम का चित्र शायद देश के कुछ लोगों को भी रास न आए लेकिन सच्चाई तो यही है कि यहां हर त्योहार पर हर धर्म के अराध्य देव जिन्हें वे पूजते हैं उनका सम्मान किया जाता है. ऐसे लोगों को उनसे सीख लेने की जरूरत है.
हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों के बीच भले ही धार्मिक अनबन रहती हो लेकिन सैकड़ों वर्षों से एक साथ रहते आए हैं. कुछ उपद्रवियों की वजह से लोगों के बीच जो सद्भाव है वह खत्म नहीं होने वाला लेकिन किसी के आराध्य देव की शोभा यात्रा पर चप्पल फेंकने जैसी घटनाएं वैमनस्यता बढ़ाने के लिए किसी चिनगारी से कम नहीं है. धर्म के श्रेष्ठ जानों को हस्तक्षेप कर ऐसे लोगों की काउंसलिंग करने की जरूरत है. तभी देश को प्रगति के मार्ग पर आगे ले जाया जा सकता है.