Breaking Newsमहाराष्ट्रमुंबईराजनीति

महाराष्ट्र की राजनीति में फिर उबाल, अजीत पवार सात विधायकों के साथ हुए नॉट रीचेबल

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

Maharashtra politics मुंबई. महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उबाल देखने को मिल रहा है. देवेंद्र फडणवीस के साथ सुबह की सरकार बनाने वाले शरद पवार के भतीजे अजीत पवार (Ajit pawar) सात विधायकों के साथ एक बार फिर नॉट रीचेबल हो गए हैं. इससे महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मच गया है. (Maharashtra politics boils again, Ajit Pawar not reachable with seven MLAs)

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार दो दिन के अपने सभी कार्यक्रम को अचानक रद्द कर नॉट रीचेबल हो गए हैं.  उनके साथ एनसीपी (NCP MLA)  के सात विधायक भी नॉट रीचेबल बताए जा रहे है.

पवार काफिला छोड़ हुए गायब 

अजित पवार ने शुक्रवार शाम 4 बजे से कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. अजित पवार दोपहर में अपने काफिले और कर्मचारियों को छोड़कर निजी वाहन से रवाना हुए. लेकिन वास्तव में वे कहां गए हैं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. विपक्ष के नेता होने के कारण उन्हें कॉन्वॉय मिली हुई थी जिसे छोड़ कर गायब हैं.

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि अजित पवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad pawar) का फोन आया और उन्होंने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए. अजीत पवार राज्य में विपक्ष के नेता हैं, इसलिए उनके पास कारों और कर्मचारियों का काफिला है. इस काफिले और कर्मचारियों को अजीत पवार ने छोड़ दिया है, तो दादा वास्तव में कहां गए? इसको लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है.

2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भी राज्य में सत्ता संघर्ष चल रहा था, यहां तक ​​कि जब महा विकास आघाड़ी सरकार बनाने की चर्चा चल रही थी, तब अजित पवार अचानक बैठक छोड़कर चले गए. इसके तुरंत बाद देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने राजभवन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर महाराष्ट्र को चौंका दिया. हालांकि फडणवीस और अजित दादा का यह प्रयोग सफल नहीं रहा, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इन दोनों की दोस्ती की चर्चा हमेशा होती है.

यह भी सवाल किया जा रहा है कि संपर्क नहीं होने का कोई राजनीतिक कारण तो नहीं है। संभव है कि यह नेता कोविड के चलते महाराष्ट्र से बाहर गए हों. लेकिन सात विधायकों के साथ ही क्यों पर भी संदेह जताया गया है.
इन सात विधायकों के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है. लेकिन संभावना है कि ये विधायक पुणे (Pune) जिले के इलाके से हों. पिछले तीन वर्षों ने दिखाया है कि राज्य की राजनीति में कुछ भी हो सकता है. अब फिर कुछ नहीं हो रहा, माहौल फिर से बन गया है.

चूंकि ये घटनाक्रम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ( CM Eknath Shinde) के अयोध्या दौरे पर जाने से 24 घंटे पहले हुआ है, इसे लेकर उत्सुकता जताई जा रही है. इससे पहले यह नेता भी पहले नहीं मिल पाए थे. इससे लोगों की भौहें तन गई हैं.

अडानी मामले के बाद EVM पर भी विपक्ष को सुनाया 

अभी एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने गौतम अडानी (Gautam Adani)  मामले पर कांग्रेस के मुद्दे की यह कह कर हवा निकाल दी थी कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अडानी को नुकसान पहुंचाने के लिए थी. अब राष्ट्रवादी कांग्रेस की तरफ से एवीएम मशीन पर भी विपक्ष को खरी-खोटी सुनाई है. एनसीपी का कहना है कि EVM को दोष देने का कोई अर्थ नहीं है. (EVM) में गड़बड़ी होती तो दिल्ली, पंजाब में आम आदमी पार्टी नहीं आती, केरल लेफ्ट, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना में विरोध पक्ष कैसे चुन कर आता? एनसीपी की तरफ से कहा गया कि हारने पर EVM को दोष देना और जीतने पर इधर उधर की बात करना योग्य नहीं है. इतने वर्षों में सब कुछ ठीक चल रहा था अब क्यों हाय-तौबा की जा रही है. इन बयानों के आधार पर निष्कर्ष निकाला जा रहा है कि कहीं शरद पवार फिर कोई राजनीतिक खिचड़ी तो नहीं पका रहे हैं.

Related Articles

Back to top button