
पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए भी इस्तमाल होंगी रो-रो बोट
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
वाराणसी. सुबहे-ए-बनारस की शान व पूरी दुनिया में मशहूर गंगा आरती की आध्यात्मिकता को आत्मसात करने के लिए ,पूरी दुनिया के पर्यटक काशी आते है. अध्यात्म,धर्म और इतिहास को समेटे हुए काशी के 84 घाटों का नज़ारा भी लोगों को ख़ूब रोमांचित करता है. अब आप ये नज़ारा अत्याधुनिक क्रूज़ पर बैठ कर देख सकते है. क्रूज़ में बैठे-बैठे सभी घाटों के अध्यात्म और धार्मिक इतिहास के बारे में भी ऑडियो वीडियो के जरिए जानकारी मिलेगी. क्रूज़ पर्यटकों के लिए काफी सुरक्षित भी है. इसके अलावा पर्यटकों के लिए दो रो -रो बोट भी काशी के गंगा पर तैरेंगी. इनका इस्तमाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट व डे टूरिज्म के लिए भी होगा.
काशी के घाटों का नज़ारा देखने के लिए ,देशी ही नहीं विदेशी सैलानी भी लाखोंकी संख्या में रोज़ काशी आते हैं.अब पर्यटकों को गंगा की सैर कराने के लिए एक अत्याधुनिक क्रूज़ और क़रीब 200 लोगों की क्षमता वाली दो रो-रो बोट (रोल-आन-रोल-आफ पैसेंजर शिप) जिसके नाम स्वामी विवेकानंद और सैम माणिक शाह है ,गंगा में जल्दी ही चलने वाली है. वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया की रो-रो बोट का इस्तमाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए भी किया जायेगा, जिससे सड़क पर ट्रैफ़िक का लोड कम होगा. रो-रो बोट और क्रूज़ सुबह-ए-बनारस व शाम को गंगा घाटों पर होने वाली आरती के समय तो चलेगी ही, ये दिन में भी गंगा में चलेगी जिससे लोग अपने रोज़ के काम काज के लिया यात्रा कर सकें. उन्होंने बताया कि ये बोट पीपीपी मॉडल पर चलेंगी. इससे होने वाली आय का कुछ अंश स्थानीय निषाद समुदाय के लोगों के वेलफेयर पर भी ख़र्च होगा. इसमें पर्यटकों के बैठने के साथ वाहन भी ले जाने कि व्यवस्था हैं. यह एक खास तरह का क्रूज हैं. आसपास जनपदों में व्यापारिक गतिविधियों व पर्यटन के लिहाज से काफी सहूलियत भरा है. इसका संचालन राजघाट से संत रविदास घाट तक होगा. कोई चाहे तो विशेष टूर पैकेज के तहत बुक कर इसे शूल टंकेश्वर, कैथी चुनार आदि जगहों तक ले जा सकता है.
क्रूज़ के कैप्टन व गोवा शिप के कंसल्टेंट सुरेश बाबू ने बताया कि दो मंजिल वाले इस क्रूज़ में नीचे का हिस्सा वतानुकिलित और पहली मंजिल सामान्य है. 100 लोगों की छमता वाला क्रूज़ 12 से 15 किलोमीटर की रफ़्तार से गंगा में चल सकेगा. 55 किलोमीटर प्रति घंटे से तेज रफ़्तार चलने वाली विपरीत हवा में भी क्रूज़ सुरक्षित चल सकता है. तेज बारिश भी इसका रास्ता रोक नहीं पाएगी. 35 टन के वजन वाली ये क्रूज़ 1 मीटर पानी मे भी सुगमता से चलती है. क्रूज़ में काशी के घाटों का आनंद लेते समय आप काफी सुरक्षित रहेंगे. इसमें 4 ऐसी लाइफ राफ़्ट है जो किसी भी आपातकाल में स्वतः नदी में जाकर खुल जायेंगे और एक फ्लोटिंग टेंट के आकार का बोट बन जायेगा जिसमे 20 लोग सवार हो सकते है. और ये एक हफ्ते तक खाने पिने के सामान के साथ पानी में तैर सकता है. इसके साथ प्रत्येक यात्री के लिए लाइफ जैकेट और लाइफ बॉय (tube) का भी इंतज़ाम है. डबल हल होने से भी ये अत्यधिक सुरक्षित और स्थिर रहती है. रो-रो बोट में भी यात्रियों कि सुरक्षा के लिए सभी उपकरण मौज़ूद है. ओपन रेस्टुरेंट में भी आप लज़ीज बनारसी व्यंजनों का भी स्वाद चख सकेंगे.
राजकीय निर्माण निगम केप्रोजेक्ट मैनेजर,आरबी सिंह, ने बताया कि इसके के अंदर कि साज सज्जा में काशी का धार्मिक और अध्यात्म के नजारे के साथ ही यहां के धरोहरों का इतिहास भी दर्शाया गया है. क्रूज़ के अंदर सैलानियों को जानकारी देने के लिए बड़ी स्क्रीन लगी है. इस पर ऑडियो वीडियो का संचालन होगा जिसमें, अस्सी घाट से शुरू होकर आदिकेशव घाट तक के 84 घाटों के एरियल व्यू के साथ,घाटो का इतिहास,धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व की जानकारी दिखाई व बताई जाएगी.