आसमान छूती कीमतें सामान्य आदमी के वश में हैं, म्हाडा का घर खरीदना, जानिए क्या है हकीकत

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. महाराष्ट्र गृहनिर्माण निर्माण व क्षेत्र विकास प्राधिकरण (Mhada lottery 2023) कई वर्षों बाद मुंबई में 4083 घरों के लिए लॉटरी निकालने जा रहा है. 22 मई से आवेदन मंगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 18 जुलाई को लॉटरी निकाली जाएगी लेकिन सभी के मन में एक सवाल उठता है कि क्या म्हाडा का घर खरीदना आम आदमी के वश में है या नहीं.
दरअसल पिछले कुछ वर्षों में म्हाडा के घरों की कीमतों में असामान्य वृद्धि हुई है. म्हाडा का कहना है कि घरों के निर्माण सामग्री में वृद्धि के कारण घरों की कीमतों में इजाफा हुआ है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि म्हाडा निर्मित घरों की आसमान छूती कीमतों के दायरे में आम आदमी का बजट है या नहीं. मुंबई में म्हाडा के घरों को खरीदने के कितनी कीमत चुकानी होगी ‘इनसाइट न्यूज स्टोरी’ की इस खबर में विस्तार से जान सकते हैं.
मंगलवार को म्हाडा 4083 घरों के लिए 4226 आवेदन आए. जिसमें से 1700 लोगों ने आवेदन के साथ डिपॉजिट राशि भी जमा कर दी है. जो लोग डिपॉजिट राशि भर रहे हैं लॉटरी में उन्हीं को शामिल किया जाएगा.
म्हाडा घरों के लिए नहीं मिलते थे खरीदार
25 – 30 साल पहले म्हाडा निर्मित घरों के खरीददार नहीं मिलते थे . इसका कारण था म्हाडा घरों का निर्माण घटिया होना था. अपने घरों को बेचने के म्हाडा को “पहले आओ, पहले पाओ” की योजना के तहत घरों को बेचना पड़ता था. लगातार शिकायतों के बाद म्हाडा ने घरों की गुणवत्ता में कुछ सुधार किया. निजी बिल्डरों को कंपटीटर मान कर काम शुरू किया. इससे म्हाडा घरों के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा. 100 घरों के लिए 50 हजार से अधिक खरीददार होने के कारण म्हाडा ने घरों की कीमतें बढ़ानी शुरू कर दी. घरों की कीमतों के साथ ही आवेदन के साथ जमा की जाने वाली डिपॉजिट राशि में भी भारी वृद्धि कर दी.
हालांकि निजी बिल्डरों की अपेक्षा म्हाडा के घरों की कीमतें अब भी थोड़ी कम हैं लेकिन मध्यम और उच्च आय वर्ग वाले घरों की कीमतों में बेतहाशा इजाफा कर दिया गया. जो एक सामान्य आदमी की पहुंच से दूर हो गई है. यही कारण है कि मुंबईकर सस्ते घरों की तलाश में एमएमआर का रूख कर रहे हैं.
ऐसी हैं म्हाडा घरों की कीमत
म्हाडा ने सबसे कम आय वर्ग यानी ईडब्ल्यूएस के लिए म्हाडा के घरों के लिए यह सीमा 6 लाख रुपये प्रति वर्ष तक है और इस समूह के घरों की कीमत 24.71 लाख रुपये से लेकर 40 लाख रुपये तक है. इसलिए 6 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले आम गरीब 40 लाख रुपये तक का घर नहीं खरीद सकते. इसके अलावा, कम आय वर्ग यानी एलआईजी वर्ग वालों के लिए आम मर्यादा 9 लाख है. एलआईजी में घरों की कीमत 31 लाख से 1 करोड़ 61 लाख तक है. मध्यम आय वर्ग यानी एमआईजी के लिए आय मर्यादा 12 लाख वार्षिक है. इस आय वर्ग वालों के लिए घरों की कीमत 46 लाख से लेकर 4 करोड़ 72 लाख तक हो सकती है. अब यह सवाल उठता है कि इन घरों को सामान्य आदमी खरीद सकता है क्या?
म्हाडा कहता है कि न नफा न घाटा के आधार पर वह घरों का निर्माण करता है. 30 साल पहले तक यही स्थिति थी लेकिन अब म्हाडा निजी बिल्डरों की तरह घर खरीददारों की जेबें खाली करने पर लगा है. घरों की कीमतों में बेतहाशा इजाफा बताता है कि म्हाडा अब किफायती घर प्रदान करने वाली अथॉरिटी नहीं है, बल्कि यह अब डेवलपर की भूमिका में एक लाभ कमाने वाली संस्था बन चुकी है. ऐसा लगता है कि राज्य सरकार का म्हाडा पर नियंत्रण ही नहीं रह गया है. आम आदमी के साथ होने का दावा करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को घरों की कीमतों पर नियंत्रण कर इसे साबित करने की जरूरत है.
टेबल से जानें म्हाडा घर खरीदना आपके वश में है?
-:अति निम्न आय वर्ग (EWS): 6 लाख तक की आय सीमा
घरों की कीमत 24.71लाख से 40 लाख
-:निम्न आय वर्ग (LIG): आय सीमा 9 लाख प्रति वर्ष तक
घरों की कीमत: 31 लाख से 1 करोड़ 61 लाख रुपए
– : मध्यम आय वर्ग (MIG): आय सीमा 12 लाख
घरों की कीमत: न्यूनतम 47 लाख से अधिकतम 4 करोड़ 72 लाख रुपए
-: उच्च आय वर्ग (HIG): कोई सीमा नहीं
घरों की कीमत: न्यूनतम 83 लाख से 7 करोड़ 57 लाख रुपए