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मराठा आंदोलन से मुंबई शहर ठप, हाईकोर्ट का सरकार को निर्देश दक्षिण मुंंबई से आंदोलनकारियों को हटाए

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। मराठा आरक्षण में आए आंदोेलनकारियों के कारण मुंबई शहर की स्थिति विकट हो गई है। आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति थी लेकिन दक्षिण की मुंबई की सड़कें गलियां, रेलवे स्टेशन सहित सब जगह आंदोलनकारियों ने कब्जा जमा लिया है। मराठा आंदोलन शुक्रवार 29 अगस्त से शुरु हुआ था। लेकिन पिछले चार दिनों से मुंबई शहर की हालत खराब हो गई है। दुकानें बंद हैं। होटल बंद हैं। सोमवार को मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने कहा कि आंदोलनकर्ताओं की आवाज मुंबई हाईकोर्ट तक आने लगी है। हाईकोर्ट ने राज्य सराकर को निर्देश दिया कि सीएसएमटी, मरीन ड्राइव, फ्लाेरा फाउंटेन, सहित पूरे दक्षिण मुंबई परिसर को खाली कराएं।(Mumbai city paralysed due to Maratha agitation, High Court directs government to remove agitators from South Mumbai)

एमी फाउंडेशन द्वारा दायर की गई याचिका पर मुंबई उच्च न्यायालय में आज सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश दिए थे लेकिन उस आदेश किया गया है। मनोज जरांगे पाटिल और वीरेंद्र पाटिल ने आदेश का उल्लंघन किया है।

गुणरत्न सदावर्ते ने कोर्ट में दावा किया कि मराठा आंदोलनकारियों ने मुंबई को रोक दिया है। दक्षिण मुंबई की सड़कों को रोका जा रहा है। आजाद मैदान पुलिस की तरफ से कहा गया कि मराठा आंदोलनारियों की तरफ से अंडरटेकिंग देते समय शर्तों का पालन करने की स्वीकारोक्ति दी थी उसी अधार पर अनुमति दी गई थी लेकिन उसका उल्लंघन किया गया।

मुंबई की सड़कों पर फैला कचरा

यचिकाकर्ता ने कहा कि केवल आजाद मैदान में आंदोलन की अनुमति दी गई थी। दूसरी जगह आंदोलन की अनुमति नहीं थी। आजाद मैदान के अलावा कहीं भी धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि गणेशोत्सव के दौरान पुलिस को कानून व्यवस्था संभालने में कठिनाई हो रही है। राज्य सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया कि शनिवार रविवार को आंदोलन करने की अनुमति नहीं दी है। निर्धारित आवाज से ज्यादा उपयोग की अनुमति नहीं थी। जिन्होंने अनुमति मांगी थी उनकी भी जिम्मेदारी है।

मुंबई हाईकोर्ट तक आवाज सुनाई देने पर हाईकोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया। राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि नियम और शर्तों का उल्लंघन किया गया है। मुंबई की सड़कों पर बैलगाड़ी चलाई जा रही है। सड़क को जाम किया गया है। शहर को खेल का मैदान बना दिया गया है। आंदोलनकारी  सब जगह हैं। पुलिस समन्वय बनाने की कोशिश कर रही है इसलिए बल का उपयोग नहीं किया गया।

स्कूलों ने छुट्‌टी घोषित किया

राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में बताया कि कई स्कूलों ने स्वयं छुट्‌टी घोषित कर दी। एक दिव्यांग छात्र को पांच घंटे अटके रहने के कारण वापस जाना पड़ा। नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का भी उल्लंघन किया गया। यह एक योजना के तहत किया गया है।

हाईकोर्ट के जज के वाहनों का रोका

हाईकोर्ट ने कहा कि पूरे हाईकोर्ट का घेराव किया गया है। जजों के वाहनों को भी रोक कर हाईकोर्ट तक पहुंचने से रोका गया। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा  कि आंदोलनकरी अब भी मुंबई में आ रहे हैं। उन्हें कैसे रोकेंगे। कोर्ट ने पूछा कि आप क्यों नहीं सड़कों को खाली करा रहे हैं। मनोज जरांगे की तरफ से एड. श्रीराम पिंगले, एड़ रमेश दुबे, एड़ वैभव कदम ने पक्ष रखा।  मनोज जरांगे की तरफ से कहा गया कि सरकार तीन घंटे स्ट्रीट लाइट बंद रखा। खाने की दुकानों को बंद रखा गया। हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों एतिहासिक मैदानों का नुकसान किया जा रहा है।

मुंबई में किसी को न आने दें

हाईकोर्ट ने कहा कि मुंबई में किसी को भी आने दें। मुंबई ठाणे से आने वाले लोगों को रोेकें। जरांगे के वकीलों ने कहा कि वे जरांगे को इस बारें में समझाने का प्रयास करेंगे। 5000 से ज्याद लोग आजाद मैदान में जमा नहीं होंगे इसका ध्यान रखा जाएगा। हाईकोर्ट ने कहा कि मंगलवार शाम 4 बजे तक दक्षिण मुंबई को खाली करें। हमें जरांगे के स्वास्थ्य की चिंता है। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पूरा भर गया है। आंदोलनकारी सड़क पर टॉयलेट कर रहे हैं। सड़क पर नहा रहे हैं। तुम आजाद मैदान में कीचड होने की शिकायत नहीं कर सकते। आदोलन परिस्थिति से बाहर हो गया है। जरांगे कह रहे हैं कि और एक लाख लोग आएंगे। तुम मुंबई रोक नहीं सकते। मंगलवार शाम चार बजे तक आंदोलनकारियों को हटाएं। मंगलवार को ही 3 बजे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

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