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उद्धव ठाकरे नहीं कर पा रहे पार्टी के भीतर डैमेज कंट्रोल, शिवसेना यूबीटी के सोशल मीडिया प्रमुख ने थामा शिंदे का हाथ

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. शिवसेना (ShivSena) में विभाजन के बाद से ठाकरे परिवार का पार्टी पर पकड़ ढ़ीली पड़ती जा रही है. शुरुआती झटकों से उबरने के बाद उद्धव ठाकरे ने भावनात्मक मुद्दे उपस्थित कर पार्टी में हो रहे डैमेज कंट्रोल रोकने को रोकने की कोशिश की लेकिन उन्हें उतनी सफलता मिलती नहीं दिख रही है.(Uddhav Thackeray is unable to do damage control within the party, Shiv Sena UBT’s social media joine Shivsena)
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे लगातार उद्धव ठाकरे के करीबी कार्यकर्ताओं को तोड़ने में कामयाब हो रहे हैं. ठाकरे परिवार को अब अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ना पड़ रहा है. अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे ठाकरे गुट को एक और झटका लगा है. अभी तक पूरे राज्य में शिंदे गुट की शिवसेना द्वारा ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और महत्वपूर्ण नेताओं को अपने पाले में किया जा रहा है. एकनाथ शिंदे ने अब से सीधे शिवसेना भवन में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की है.  ठाकरे गुट की सभाओं, कार्यक्रमों और सोशल मीडिया अभियानों को संभालने वाली शिवसेना भवन की टीम को ही शिंदे ने तोड़ लिया है.
     शिवसेना भवन के ये कर्मचारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में चांदीवली में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उद्धव गुट को छोड़ शिवसेना में शामिल हो गए. इसमें अमोल मटकर, (Amol Matkar) अमित शिवगण, अविनाश मालप, प्रथमेश चाचले शामिल हैं.  ठाकरे परिवार के करीबी और सचिव अनिल देसाई के विश्वासपात्र के रूप में पहचाने जाने वाले अमोल मटकर शिंदे समूह में आ गए हैं, जो ठाकरे के लिए एक झटका माना जा रहा है.
  अमोल मटकर पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते थे, जिन्होंने शिवसेना के आयोजनों, सोशल मीडिया और डिजाइनिंग टीम में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हर साल, दशहरा मेला, पार्टी और मार्मिक की सालगिरह और पूरे कार्यक्रम को मंच की पृष्ठभूमि से आयोजित करने के लिए अमोल पर जिम्मेदारी होती थी. साथ ही सोशल मीडिया पर पोस्टर, बैनर और मीम्स, कार्ड, फोटो और वीडियो डिजाइनिंग के काम में अहम भूमिका निभाते थे.
    2012 के मुंबई मनपा चुनाव का प्रसिद्ध नारा है ‘हाँ, मैने करके दिखाया!’ इस कैंपेन में अमोल ने अहम भूमिका निभाई थी. इसके साथ ही उन्होंने शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री दिवाकर रावते के नेतृत्व में पूरे महाराष्ट्र में पहुंचने वाली सभी नई शिवशाही एसटी बसों पर लोगो भी डिजाइन किया. इस वर्ष, स्वतंत्रता अमृत महोत्सव का मराठी लोगो भी अमोल का अपना काम है, जिसे छाता डिजाइन की अवधारणा से बनाया गया है. इसलिए शिवसेना में चर्चा है कि ठाकरे गुट ने पार्टी का एक अहम स्तंभ खो दिया है. अब देखना यह होगा कि ठाकरे गुट डैमेज कंट्रोल के लिए क्या कदम उठाता है.
शिंदे गुट के नेता मुंबई में सक्रिय हो गए हैं. अब तक शिवसेना यूबीटी के 15 नगरसेवक शिवसेना में शामिल हो चुके हैं. शीतल म्हात्रे ने का कि अभी तो शुरुआत हुई है. 35 और पूर्व नगरसेवक लाइन में हैं. लेकिन हम एकसाथ शॉक देना नहीं चाहते इसलिए  गर्म दूध को ठंडा कर काम किया जा रहा है. आने वाले मनपा चुनाव में जहां भाजपा से सीटों पर की मांग को लेकर शिवसेना का दबदबा बढ़ेगा, वहीं महाविकास आघाड़ी दलों खासकर कांग्रेस के सामने शिवसेना की स्थिति कमजोर होगी.

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