अजीत दादा दरकिनार शरद पवार ने बेटी के हाथों सौंपी पार्टी की कमान
सुप्रिया सुले एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष, प्रफुल्ल पटेल को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई.एनसीपी (NCP) की 24वीं वर्षगांठ पर दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय शरद पवार (Sharad pawar) ने आज बड़े ऐलान किए. प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले (Supriya Sule Working President of NCP) को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी की वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शरद पवार ने यह ऐलान किया. विधायक और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार को दरकिनार कर पवार ने बेटी के हाथों पार्टी की कमान सौंप दी है. (Sharad pawar bypassed Ajit Pawar,handed over the command of the party to his daughter)
एनसीपी की वर्षगांठ के कार्यक्रम में शरद पवार ने कार्यकारी अध्यक्ष का पद प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को सौंपा. इसके अलावा सुनील तटकरे को भी पार्टी का महासचिव बनाया गया है. मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड की जिम्मेदारी प्रफुल्ल पटेल को और महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब की जिम्मेदारी सुप्रिया सुले को सौंपी गई है.
वर्षगांठ के कार्यक्रम में बोलते हुए, शरद पवार ने केंद्र में भाजपा सरकार की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि आज कई राज्यों में जनता ने बीजेपी को दूर रखने का काम किया है. बीजेपी जिस राज्य में सत्ता में आई वहां बीजेपी सत्ता में नहीं थी. शरद पवार ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने विधायकों को तोड़कर और उन्हें रिश्वत देकर सत्ता हासिल करने की कोशिश करती है.
बीजेपी की आलोचना करते हुए शरद पवार ने कहा कि यह सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर पाई है. देश के ज्यादातर राज्यों में बीजेपी विरोधी लहर है. अभी सबसे ज्यादा जरूरत इस बात की है कि एक साझा कार्यक्रम के तहत अलग-अलग विचारों के लोग आगे आएं.
पार्टी की जिम्मेदारी सौंपने के शरद पवार ने पिछले महीने कहा था कि समय आने पर वे रोटी को पलट देंगे. आज उन्होंने यही किया. भतीजे अजीत पवार को पूरी तरह साइड लाइन कर दिया गया. पिछले कुछ दिनों से दोनों आजीत पवार,शरद पवार के बयान के विपरीत बयान दे रहे थे. इससे कयास लगाया जा रहा था कि दोनों के बीच विभाजन की रेखाएं खिंचती जा रही हैं.
अप्रैल महीने में अजीत पवार से नाराज़ हो कर शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में उबाल आ गया था. कई दिनों तक चले मान मनौव्वल के उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लिया था. तब कहा गया कि पवार ने पार्टी को एकजुट रखने के इस्तीफे वाला इमोशनल दांव खेला था. पार्टी में नेताओं की नाराजगी कम होते ही पवार ने रोटी फिरा दी. पवार के इस कदम पर अजीत पवार क्या रूख अपनाते हैं यह देखना बाकी है,आने वाला समय महाराष्ट्र की राजनीति में एक और सत्ता संघर्ष की लड़ाई देखने को मिला सकती है.