Breaking Newsमुंबई

तीन टकसाल से कहां गायब हो 500 रुपए के 1761 करोड़ नोट, विपक्ष के नेता अजीत पवार ने केंद्र सरकार से पूछा सवाल

आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन राय द्वारा निकाली गई जानकारी से हुआ खुलासा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में सत्ता में आए, तो उन्होंने कहा था कि वे देश में काले धन को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसी के अनुरूप उन्होंने देश में नोट बंदी लागू की. आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन राय को सूचना के अधिकार तहत प्राप्त जानकारी में खुलासा हुआ कि देश की तीन टकसालों छपाई के बावजूद 1 हजार 761 करोड़ रुपए के नोट आरबीआई तक पहुंचे ही नहीं. महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं कि यह नोट कहां गायब हो गए. (Where did 1761 crore notes of Rs 500 disappear from three mints, Leader of Opposition Ajit Pawar asked the question to the central government)

देवास, नासिक और बेंगलुरु के टकसाल यानी सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में छापे जाने वाले ये नोट रिजर्व बैंक में पहुंचने से पहले ही गायब हो गए हैं. ये नोट प्रिंटिंग प्रेस से रिजर्व बैंक को भेजे गए थे. हालांकि, अब आरटीआई में जानकारी सामने आई है कि ये कभी रिजर्व बैंक नहीं पहुंचे. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन नोटों पर आरबीआई के तत्कालीन गवर्नर रघुराम राजन के हस्ताक्षर थे या किसी और के. अगर इतनी बड़ी मात्रा में नोट चलन में हैं तो इसकी जानकारी केंद्र और राज्य सरकारों को कैसे नहीं हो सकी. राज्य में विपक्ष के नेता अजित पवार ने सवाल उठाया है कि केंद्रीय जांच एजेंसी को इसकी जानकारी क्यों नहीं है. इस संबंध में अब केंद्रीय जांच एजेंसियां ​​जांच में जुट गई हैं कि सच क्या है. पवार ने यह भी कहा है कि इसे लोगों के सामने लाया जाना चाहिए.

500 रुपये के नोट टकसाल में छपे तो थे लेकिन रिजर्व बैंक तक नहीं पहुंचे, ये नए डिजाइन के नोट थे. इन नोटों की कीमत 8 अरब 32 करोड़ 50 लाख रुपए थी. रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसके पास छपे हुए 7 हजार 260 करोड़ रुपए ही पहुंच पाई है. सूचना का अधिकार कार्यकर्ता मनोरंजन रॉय ने यह जानकारी दी.वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के नेतृत्व में काम करती हैं. यहां छपे नोट रिजर्व बैंक के जरिए पूरे देश में बांटे जाते हैं.

• अप्रैल 2015 से मार्च 2016 तक पांच सौ रुपए के 210 करोड़ नोट छापकर नासिक के टकसाल से रिजर्व बैंक भेजे गए.
• अप्रैल 2015 से दिसंबर 2016 तक 345 करोड के नोट भेजे गए, जबकि अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक 1,662 करोड़ के नोट भेजे गए.

• बेंगलुरु प्रिंटिंग प्रेस से इस दौरान 5 हजार 195 करोड़ नोट और 1 हजार 953 करोड़ नोट और देवास टकसाल से रूप में भेजे गए. कुल 8 हजार 810 करोड़ नोट आरबीआई को भेजे गये.

• आरबीआई ने 2016-17 की अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि सिर्फ 7 हजार 260 करोड़ के नोट ही मिले हैं.
• सूचनाधिकार कार्यकर्ता मनोरंजन रॉय ने आरोप लगाया है कि 1 हजार 761 करोड़ नोट गायब हो गए हैं.

पिछले चार साल में अब तक आयकर विभाग और आबकारी निदेशालय ने कई जगहों पर छापेमारी की है. इन छापेमारी में पांच सौ रुपए के करोड़ों रुपए के नोट मिले हैं. हालांकि, इसके बावजूद इन विभागों ने इस बात पर हैरानी नहीं जताई कि इस तरह से नोट चलन में कैसे आ गए और न ही उन्होंने जांच की. राय ने कहा कि अब अरबों रुपये के नए डिजाइन के नोट कहां गायब हो? मनोरंजन राय ने कहा कि वह ईडी, सीबीआई सहित अन्य एजेंसियों के साथ देश के वरिष्ठ नेताओं से इसकी शिकायत करेंगे.

Related Articles

Back to top button