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मुंबई में झुग्गी झोपड़ी वालों की बड़ी समस्या होगी दूर एनेक्सचर 2 आने के बाद स्थानांतरण में होने वाली दिक्कत होगी खत्म

उच्च स्तरीय बैठक में गृहनिर्माण मंत्री अतुल सावे लेंगे निर्णय

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

Mumbai Slum dwellers: मुंबई. मुंबई में स्लम पुनर्विकास में एनेक्सचर II तैयार होने के बाद यदि कोई झोपड़ाधारक अपने झोपड़े बेचता है तो झोपड़ा खरीदने वालों का नाम एनेक्सचर 2 में शामिल नहीं किया जाता है. मुंबई में अधिकांश एसआरए योजनाओं में इस कमी की वजह से झोपड़ा धारकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लेकिन जल्द ही इस बड़ी समस्या के दूर होने की संभावना है. गृहनिर्माण मंत्री अतुल सावे ने इस संबंध में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है  जिससे इस समस्या को दूर किया जा सके. (The big problem of slum dwellers in Mumbai will go away, after the coming of Annexure 2, the problem of relocation will end)

मुंबई में कई झोपडपट्टी पुनर्वास योजनाएं 20 से 25 वर्षों से रुकी हुई है. इन योजनाओं के अंतिम एनेक्सचर- II की घोषणा की विस्तृत प्रक्रिया 16 मई, 2015 के सरकारी निर्णय में दी गई है. यदि एनेक्सचर -2 के आखिरी प्रकाशन से पूर्व निर्धारित अवधि के भीतर झोपड़ियों का हस्तांतरण सभी दस्तावेजों को पूरा करने के बाद झोपड़ों को खरीदा गया है तो, ऐसे झोपड़ी धारकों को रु. 40,000/- (आवासीय झोपड़ी के लिए) और रु. 60,000/- (गैर आवासीय झोपड़ी के लिए) का स्थानांतरण शुल्क झोपड़ी धारक से वसूल कर पात्र किया जाता है.
हालांकि, प्रचलित सरकारी निर्णय में एनेक्सचर-II की घोषणा के बाद किए गए स्थानांतरणों को स्वीकार करने का कोई प्रावधान नहीं है. एनेक्सचर-2 के जारी होने के बाद यदि किसी झाेपड़ा धारक की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में स्लम पुनर्वास प्राधिकरण उसके उत्तराधिकारियों को फ्लैट के वितरण के लिए उत्तराधिकार पत्र (विरासत प्रमाण पत्र) जारी करता है लेकिन इसके लिए तय नियमों के तहत आवेदन करना करना अनिवार्य होता है.
हालांकि सक्षम अधिकारी द्वारा एक बार एनेक्सचर – 2 जारी होने के बाद हस्तांतरण को मंजूरी नहीं दी जाती हैं. एसआरए पुनर्वास की यह बड़ी गड़बड़ी होती है. कई योजनाएं 20 से 25 वर्षों से रुकी हुई हैं, इसलिए कुछ लोगों ने पारिवारिक कारणों से अपने घर बेच दिए हैं,  लेकिन घर उनके नाम पर नहीं हुए हैं, इसलिए भाजपा विधायक एड आशीष शेलार ने विधानसभा में एक दिलचस्प सुझाव दिया है.
आशीष शेलार ने कहा कि कई परियोजनाओं का काम वर्ष 1998 से  रुका हुआ है.  महाराष्ट्र नगर हाउसिंग सोसायटी 2007, गजदरबंध 2007, रत्नप्रभा हाउसिंग सोसायटी 2006, रत्नप्रभा 1998, प्रभात दर्शन 2005, मद्रासवाला हाउसिंग सोसायटी 2007, बेहराम रिफॉर्म कमेटी का पुनर्विकास 1997 से रुका हुआ है. आशीष शेलार ने पूछा कि अगर एनेक्सचर-2 से पहले मकान बेचा जा सकता है और योजना पूरी होने के बाद मकान बेचा जा सकता है तो इस बीच क्यों नहीं, इसमें झोपड़ा वासियों का क्या दोष है. शेलार ने सवाल उठाते हुए  सरकार से इस नियम को बदलने की मांग की.
आवास मंत्री अतुल सावे ने इसका जवाब देते हुए सकारात्मक रुख अपनाया. उन्होने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही सत्र के दौरान एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे और कोई रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे.

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