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इरशालवाडी एनडीआरएफ ने 150 लोगों को बचाया, मौत का आंकड़ा पहुंचा 27 पर

गोल्डन ऑवर से बची की लोगों की जान

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Irshalwadi Landslide: खालापुर.  तीन दिन पहले रायगड (Raigad) जिले के इरशालवाडी में भयानक हादसा हुआ था जब भूस्खलन के कारण गीली मिट्टी और पत्थरों के ढेर में पूरा गांव दब गया. भारी बारिश और देर रात की घटना के कारण देर से शुरू हुए बचाव कार्य में अब तक 150 लोगों को बचाया गया है. समय बीतने के साथ मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. अब तक 27 लोगों की जान गई है. जो जिंदा निकाले जा रहे हैं उनके लिए एनडीआरएफ देवदूत बनकर आए हैं.ब एनडीआरएफ द्वारा अपनाए गए गोल्डन ऑवर सिद्धांत के कारण इरशालवाड़ी में कई लोगों की जान बचाई जा सकी है. मलबे में अब भी 50 से अधिक लोगों के फंसे होने की जानकारी सामने आ रही है. (Irshalwadi NDRF rescues 150 people, death toll reaches 27)
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट प्रमोद कुमार ने बताया कि ‘एनडीआरएफ पिछले तीन दिनों से लगातार काम कर रही है. आप जानते हैं कि हादसा तीन दिन पहले रात 10.30 बजे से 11 बजे के आसपास हुआ था.

NDRF DY Common dent pramod Kumar
NDRF DY Common dent pramod Kumar
रात होने के कारण कई लोग अपने घरों में सो रहे थे, इसलिए उन्हें इस तरह की घटना के बारे में पता नहीं चल सका, जिससे अधिक नुकसान हुआ.
इसके बाद जब एनडीआरएफ को खबर मिली तो तुरंत हमारी टीम घटनास्थल की ओर रवाना हो गई. आख़िर ये क्या है? यह बात एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट प्रमोद कुमार सिंह ने कही है.
बचाव अभियान एक बड़ी चुनौती
इसमें सबसे खास बात ये है कि आखिरी तीन दिनों तक माहौल बहुत प्रतिकूल रहा. क्योंकि जिस स्थान पर हादसा हुआ वह अड्डे से साढ़े नौ सौ मीटर की दूरी पर है. साथ ही यह पूरा रास्ता 2.3 किमी का है. लगातार हो रही बारिश के कारण यह रास्ता और भी कठिन हो गया है. इस स्थान पर भारी उपकरण नहीं ले जा सकते थे, यह एक बड़ी चुनौती थी. क्योंकि सारा काम मैन्युअली करना पड़ रहा था. इसमें काटने के उपकरण, खुदाई के उपकरण जैसे भारी उपकरणों का उपयोग किया जाता है.
    गोल्डन ऑवर ने कई लोगों की जान बचाई
लेकिन इसमें एक गोल्डन ऑवर सिद्धांत काम करता है. किसी घटना के बाद आप जितनी जल्दी कार्रवाई करेंगे, जान बचाने की संभावना उतनी ही अधिक होगी. हमने इसके लिए पूरी कोशिश की. जब हमें इस बात की जानकारी हुई.हम तुरंत मौके पर पहुंचे.
लेकिन मौके पर पहुंचने के लिए कम से कम 1 घंटा
इसमें समय लगा लेकिन उस दिन हमने सभी उपकरणों के साथ केवल 45 मिनट में चढ़ाई पूरी कर ली. आज एनडीआरएफ ने 4 शव बरामद किए और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा.
इरशालवाडी
हादसे से पहले ऐसे थी इरशालवाडी, खूबसूरती को लगा ग्रहण
 महावितरण ने की लाइट की व्यवस्था
महावितरण ने बचाव कार्य के लिए लाइट की व्यवस्था की है. राज्य सरकार ने ट्रैकर्स के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. क्योंकि इससे बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही थी. फिलहाल 900 कर्मी बचाव कार्य में लगे हैं.

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