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बीएमसी अधिकारियों पर फंसा शिकंजा, कोविड घोटाले में एस आईटी ने दर्ज की तीन प्राथमिकी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

BMC Covid Scme: मुंबई. कोविड के समय बृहन्मुंबई महानगर पालिका  12,024 करोड़ रुपए के ठेके देने में बरती गई कथित अनियमितताओं की जांच करते हुए विशेष जांच दल ने तीन प्राथमिकी दर्ज की है. इससे मनपा अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. मुंबई पुलिस के  एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि पीई नवंबर 2019 और अक्टूबर 2022 के बीच जारी किए गए कार्य आदेशों के संबंध में हैं.(Screws on BMC officials, SIT registers three FIRs in BMC Covid scam)

उन्होंने बताया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने 12,000 करोड़ रुपए से अधिक के ठेके देने में कथित अनियमितताओं का उल्लेख किया था, जिसकी जांच एसआईटी कर रही है और उसने अब तक कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज एकत्र किए हैं. एसआईटी अधिकारियों ने मनपा अधिकारियों से पूछताछ की थी.  उनके बयान भी दर्ज किए हैं.

 

अधिकारी ने कहा, “तीन पीई में से एक 200 करोड़ रुपए से अधिक के कार्य आदेशों के संबंध में है, जो कथित तौर पर बीएमसी के सड़क विभाग द्वारा निविदाएं जारी किए बिना दिए गए थे. एक अन्य पीई एक ठेकेदार और बीएमसी के बीच 64 कार्य आदेशों से संबंधित समझौतों पर कथित तौर पर हस्ताक्षर न करने के बारे में है.” उन्होंने कहा, “इन 64 कार्य आदेशों में से 58 सड़क विभाग से संबंधित थे, जबकि छह आदेश चार अन्य विभागों से जुड़े थे, जिनमें बरसाती नाले की जल निकासी और मलजल शोधन कार्य शामिल थे. अधिकारी के मुताबिक, “तीसरी पीई उपनगरीय दहिसर के एकसार गांव स्थित एक लोकोपयोगिता भूखंड के अधिग्रहण में बीएमसी द्वारा कथित ‘अनावश्यक’ से जुड़ी हुई है. इसकी शिकायत भाजपा नेता किरीट सोमैया ने की थी. प्रथम दृष्टया, एकसर गांव में भूमि अधिग्रहण में अनावश्यक रूप से देरी की गई, जिससे सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ.

अधिकारी ने कहा कि करोड़ों रुपए का उक्त भूखंड लोक उपयोगिता के लिए आरक्षित था, लेकिन इसका स्वामित्व एक निजी व्यक्ति के पास था. उन्होंने बताया कि एसआईटी भूखंड के अधिग्रहण में देरी के कारणों की जांच कर रही है. अधिकारी ने कहा, “कार्य निविदाएं सौंपने के संबंध में दस्तावेजों की जांच करते समय यह पता चला कि कुछ कार्यों के लागत में वृद्धि हुई, जबकि अन्य में तीसरे पक्ष के साथ समझौता किया गया. उन्होंने कहा कि जांच से पता चल सकेगा कि अनियमितताएं हुई हैं या नहीं. अधिकारी के अनुसार, एसआईटी अफसर ठेकेदारों को काम देने के लिए बीएमसी द्वारा अपनाई जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की जांच कर रहे हैं.

“एसआईटी अधिकारी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं  कि कार्य अनुबंधों को कैसे अंतिम रूप दिया जाता है और उन्हें देने की शक्तियां किसके पास थीं. अधिकारी के मुताबिक, एसआईटी उन संबंधित अफसरों की पहचान करने की भी कोशिश कर रही है, जो जांच के दायरे में शामिल परियोजनाओं को संभाल रहे थे. कैग रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी के गठन की घोषणा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की थी.

 

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