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महाराष्ट्र सरकार का आज सुप्रीम कोर्ट में फैसला

चीफ जस्टिस सहित तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली.विधान परिषद चुनाव के तुरंत बाद, एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के कई विधायकों ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया. आठ से दस दिनों के ड्रामे के बाद आखिरकार एकनाथ शिंदे ने भाजपा (Maharashtra government’s decision in Supreme Court today)  के समर्थन से राज्य में सरकार बना ली. हालांकि शिवसेना ने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल से पार्टी के जनादेश को स्वीकार नहीं करने वाले 16 विधायकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की मांग की थी. इस फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
   मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 16 विधायकों के निलंबन के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायक हमारे साथ हैं. शिंदे समूह का दावा है कि उनका समूह ही असली शिवसेना पार्टी है. इसलिए हमारे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है. इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए बोर्ड पर लिस्ट किया गया है. इसी फैसले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार का भविष्य टिका है. साथ ही शिवसेना का भविष्य इसी फैसले पर निर्भर रहेगा है. वर्तमान में एकनाथ शिंदे गुट के पास शिवसेना के 40 विधायक हैं.
  एकनाथ शिंदे के खिलाफ शिवसेना का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई हो रही है. 20 जून की रात गुजरात में शिवसेना के 20-21 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सूरत पहुंचे. शिवसेना विधायकों की बगावत ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों से पीछे हटने की अपील की लेकिन विधायक पीछे नहीं हटे. इसके उलट एक के बाद एक विधायक रोजाना शिंदे के दल में जाने लगे. बढ़ते बगावत को देखते हुए शिवसेना ने पार्टी की बैठक में शामिल होने के लिए विधायकों को व्हिप जारी किया. हालांकि एकनाथ शिंदे समेत अन्य विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए. उसके बाद शिवसेना ने बागी गुट के 16 विधायकों को विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल से निलंबित करने की मांग की.
 शिवसेना द्वारा 16 विधायकों को निलंबित करने के फैसले के बाद एकनाथ शिंदे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. शीर्ष अदालत में जब मामले की पहली बार सुनवाई हुई तो शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई को होगी. शीर्ष अदालत ने शिवसेना प्रवक्ता अजय चौधरी के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को नोटिस जारी किया था. साथ ही 5 दिन के अंदर हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया था. शिवसेना के बागी विधायकों को राहत मिल गई, क्योंकि मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को तय हुई. बहरहाल सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के बाद तय हो जाएगा कि महाराष्ट्र में शिंदे – भाजपा सरकार रहेगी या शिवसेना नीत महाविकास आघाड़ी की सरकार. वैसे महाविकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री के रुप में उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे चुके हैं. विधानसभा का अध्यक्ष भी चुना जा चुका है. सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले पर निर्भर करेगा कि आगे क्या होगा.

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