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कोविड घोटाला पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर, अतिरिक्त आयुक्त पी वेलारासू, उपायुक्त रमाकांत बिरादर पर एफआईआर

अगला नंबर किसका आयुक्त इकबाल सिंह चहल या आदित्य ठाकरे

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई महानगरपालिका में हुए कोविड घोटालों में मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर (Kishori Pednekar) अतिरिक्त आयुक्त पी वेलारासू (परियोजना) मुंबई मध्यवर्ती खरीद विभाग के तत्कालीन उपायुक्त रमाकांत बिरादर के खिलाफ अग्रीपाड़ा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. कोविड घोटाला बाहर आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि मनपा के की बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है. अब मनपा अधिकारियों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि अगला नंबर मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल का लगता है या शिवसेना उद्धव गुट के विधायक आदित्य ठाकरे का नंबर लगता है. (Covid scam FIR against former Mayor Kishori Pednekar, Additional Commissioner P Velarasu, Deputy Commissioner Ramakant Biradar)

पूर्व महापौर समेत वर्तमान अतिरिक्त आयुक्त और उपायुक्त के खिलाफ मामला दर्ज होने से कोविड घोटाले का दायरा बढ़ने की आशंका से मनपा में हड़कंप मच गया है. यह मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दर्ज किया है. बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कोरोना काल में विभिन्न ठेकों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया था. इससे पहले मनपा में अतिरिक्त आयुक्त रहे संजीव जायसवाल के घर भी ईडी का छापा डाला गया था.

इस मामले में उन्होंने विभिन्न पुलिस स्टेशनों के साथ-साथ केंद्रीय जांच एजेंसी में भी शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में उन्होंने कोरोना काल के दौरान कोविड सेंटर की स्थापना, विभिन्न दवाओं सहित सामग्री की खरीद, डॉक्टरों की आपूर्ति आदि शामिल थे. इसी शिकायत में उन्होंने कोरोना के दौरान मरने वाले मरीजों के निस्तारण के लिए बॉडी बैग खरीदे थे. किरीट सोमैया ने यह भी आरोप लगाया था कि इस बैग की कीमत बढ़ाकर भ्रष्टाचार किया गया है.

ईडी की जांच में पता चला कि बैग 6,800 रुपए में खरीदा गया था जबकि इसकी कीमत लगभग 2,000 रुपए थी. यह ठेका पूर्व मेयर किशोरी पेडणकर के सुझाव के बाद दिया गया है. उन्होंने नवंबर 2019 से मार्च 2022 तक मुंबई की मेयर के रूप में कार्य किया. इस दौरान उन्होंने बॉडी बैग खरीदने का ऑर्डर दिया था. उसके बाद अतिरिक्त नगर आयुक्त वेलरासु और उपायुक्त रमाकांत बिरादर के कार्यालय से विभिन्न कोविड चिकित्सा उपकरण, सामग्री, दवाएं, ऑक्सीजन, बॉडी बैग और अन्य सामग्री खरीदी गई. कोविड घोटाले में मध्यवर्ती खरीद विभाग के तत्कालीन उपायुक्त विजय बालमवार और सहायक डीन वंदना तांडेल और अन्य अधिकारियों का भी नाम आ रहा है.

किरीट सोमैया ने पूरे मामले की जांच की मांग की थी जुलाई महीने में यह शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने इसकी जांच शुरू की. जांच में बॉडी बैग खरीद में भ्रष्टाचार का पुख्ता सबूत हाथ लगने के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 बी, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया. कोविड में दवाओं, उपकरणों की खरीद मनपा के मध्यवर्ती खरीद विभाग का कार्यालय चिंचपोकली में है. इसलिए अग्रीपाड़ा पुलिस स्टेशन मेंं मामल दर्ज किया गया है. मामला दर्ज होने के बाद  इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर कर दी गई है.

इस बीच, किरीट सोमैया ने ट्वीट किया कि ठाकरे सेना के नेताओं और मनपा अधिकारियों ने “कोविड कफन” में यह पैसा कमाया है. 1500 रुपए का बॉडी बैग 6700 रुपए में खरीदा गया. इस मामले में वेदांता इनोटेक प्राइवेट लिमिटेड पर भी एफआईआर दर्ज की गई है.

चार साल से नहीं हुआ ट्रांसफर

मुंबई मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्त पी वेलारासू को मनपा में चार साल से अधिक का समय हो गया है. इन अधिकारियों का तबादला नहीं किया गया. जबकि मनपा में दूसरे अतिरिक्त आयुक्त का तबादला दो साल के भीतर कर दिया जाता है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कोविड घोटाले में लिप्त होने के कारण इनका तबादला नहीं किया जा सकता रहा है. मनपा में रहते ही इन पर कार्रवाई की जाएगी जिससे आने वाले समय में अधिकारियों को यह सबक मिले कि घोटाले का अंजाम क्या होता है.

 

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