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पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
पेडणेकर के साथ मनपा अधिकारियों पर भी लटकी गिरफ्तारी की तलवार

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई सत्र न्यायालय ने मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर (Ex Mayor Kishori pednekar) को राहत देने से इनकार कर दिया है. उनकी अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने आज खारिज कर दिया. इसलिए पेडणेकर के साथ कोविड घोटाले में शामिल मनपा अधिकारियों के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.(Anticipatory bail plea of former Mayor Kishori Pednekar rejected)
कोरोना काल में बॉडी बैग खरीद में भ्रष्टाचार के मामले में किशोरी पेडणेकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में ठेकेदार कंपनी वेदांता के निदेशक भी शामिल हैं. किशोरी पेडणेकर के साथ वेदांत ने भी गिरफ्तारी से बचने के लिए बॉम्बे सेशन कोर्ट में गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए आवेदन किया था. लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.
इससे पहले बॉम्बे सेशन कोर्ट ने किशोरी पेडणेकर को अंतरिम राहत दी थी़ कोर्ट ने आर्थिक अपराध शाखा को 28 अगस्त तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था. कोरोना काल में मेडिकल सप्लाई की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुंबई पुलिस की वित्तीय अपराध शाखा ने पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले की जांच ईडी भी कर रही है। ईडी अधिकारियों ने पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर की कॉपी के साथ साथ दस्तावेज भी मांगे थे.
भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कोरोना काल के दौरान मनपा में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कोविड काल में हुई टेंडर प्रक्रिया में घोटाला किया गया जिसमें किशोरी पेडणेकर भी शामिल थीं. मुंबई में कोविड मरीजों के शवों के लिए इस्तेमाल होने वाला बॉडी बैग 2 हजार रुपए की जगह 6800 रुपए में खरीदा गया.
आरोप है कि यह ठेका तत्कालीन महापौर के निर्देश पर दिया गया था. किशोरी पेडणेकर कोविड काल में मुंबई की महापौर थीं. इस मामले में मनपा के अतिरिक्त आयुक्त पी. वेलारासू और मनपा मध्यवर्ती खरीद विभाग के तत्कालीन उपायुक्त रमाकांत बिरादर और बॉडी बैग आपूर्ति करने वाली वेदांत इनोटेक लिमिटेड पर भी मामला दर्ज किया गया है.




