नवी मुंबई मेट्रो के खर्च में 291 करोड़ की प्राथमिक वृद्धि
आरटीआई से हुआ खुलासा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. नवी मुंबई मेट्रो (Navi Mumbai Metro) आज से आम जनता के शुरू हो रही है. इस मेट्रो मार्ग के शुरू होने में 10 वर्ष का विलंब हो गया. सिडको नवी मुंबई मेट्रो रूट क्रमांक 1 अंतर्गत आनेवाला बेलापुर से पेंधर यह रूट 11.10 किलोमीटर वाला है, जिसमें कुल 11 मेट्रो स्टेशन हैं. सिडको प्रशासन की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी गई जानकारी से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है कि इस काम में देरी के बावजूद ठेकेदार पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है. दिलचस्प बात यह है कि दस्तावेजों से पता चलता है कि मेट्रो के काम की लागत में 291 करोड़ रुपए की प्राथमिक वृद्धि की गई. (Initial increase in Navi Mumbai Metro’s expenditure by Rs 291 crore)
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 16 फरवरी 2023 को सिडको प्रशासन से नवी मुंबई मेट्रो से जुड़ी कई जानकारियां मांगी थीं. सिडको प्रशासन ने 26 अप्रैल 2023 को दी जानकारी के अनुसार काम में देरी के विभिन्न कारण हैं.
सिडको नवी मुंबई मेट्रो लाइन नंबर 1 की अनुमानित लागत 3063.63 करोड़ थी. जो दस्तावेज दिए गए हैं उसके मुताबिक कुल रकम 3354 करोड़ रुपए है. इसमें से 2311 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है और शेष राशि 1043 करोड़ है. सिडको प्रशासन ने देरी करने वाले किसी भी ठेकेदार को न तो दंडित किया और न ही काली सूची में डाला.
मेट्रो का उद्घाटन में नवी मुंबईकर हुए अप्रैल फूल
सिडको नवी मुंबई मेट्रो लाइन नंबर 1 को कब तक लॉन्च किया जाएगा, इस बारे में काफी गोपनीयता रखी गई थी. मेट्रो स्टेशन 7 से 11 तक के सभी काम पूरे कर लिए गए हैं. सिडको प्रशासन शेष स्टेशनों 1 से 6 को पूरा करने और अप्रैल 2023 तक पूरे मार्ग को यात्रियों के लिए खोलने का लक्ष्य बनाया था. अप्रत्यक्ष रुप से सिडको प्रशासन ने मेट्रो के उद्घाटन को लेकर नवी मुंबईकरों को अप्रैल फूल बनाया.मेट्रो शुरू करने का अप्रैल बताया गया था लेकिन तारीख नहीं बताई गई थी.
तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा नवी मुंबई मेट्रो का भूमिपूजन 1 मई 2811 को किया था. दोनों ठेके 1 फरवरी 2017 को रद्द कर दिए गए क्योंकि ठेकेदार मेसर्स सजोस, महावीर, सुप्रीम वित्तीय कमजोरी के कारण काम पूरा करने में असमर्थ थे. इसके बाद सिडको ने स्टेशन 1 से 6 तक के बाकी काम मेसर्स प्रकाश कॉस्ट्रोवेल , स्टेशन 7 से 8 तक का कार्य मेसर्स बिल्टराइट , स्टेशन 9 और 11 मेसर्स यूनीवास्तु और स्टेशन 10 का कार्य मेसर्स जे कुमार को दिए गए थे.
नवी मुंबई मेट्रो लाइन नंबर 1 ट्रांसमिशन टावरों और केबलों द्वारा बाधित थी. महाराष्ट्र राज्य विद्युत निगम से देर से अनुमति मिली. चूंकि रेलवे लाइन बेलापुर के पास सायन-पनवेल राजमार्ग को काटती है, इसलिए लोक निर्माण विभाग, साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे बोर्ड और राजमार्ग पुलिस विभाग से अनुमति प्राप्त करने में देरी हुई.
अनिल गलगली के मुताबिक, यह साफ हो गया है कि सही प्लानिंग के अभाव में इस तरह के प्रोजेक्ट को नुकसान हुआ है. जिन ठेकेदारों ने सिडको के साथ धोखाधड़ी की है उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाए और जुर्माना लगाया जाए.