क्रेडिट नोट पॉलिसी मामले में आयकर के रडार पर बीएमसी
आयकर विभाग ने भेजा नोटिस, ईडी के बाद आईटी के फेर में फंसे अधिकारी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. परियोजना प्रभावितों (PAP) के लिए मुंबई में बनाए जा रहे 14000 घरों के लिए बीएमसी ने बिल्डरों को कंस्टक्शन और जमीन के लिए एफएसआई देने के अलावा 1800 करोड़ रुपए का क्रेडिट नोट दिया था. मनपा में विपक्ष के नेताओं ने सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना के इस कदम का तीव्र विरोध किया था. क्रेडिट नोट पॉलिसी ( BMC Credit Note Policy) मामले में अब बीएमसी आयकर विभाग के रडार पर आ गई है. आयकर विभाग ने गुरुवार को बीएमसी को नोटिस जारी किया है. आईटी को संदेह है कि क्रेडिट नोट पॉलिसी के जरिए बिल्डरों को फायदा पहुंचाया गया है. (BMC on income tax radar in credit note policy case)
खास बात यह कि बीएमसी द्वारा जारी किए गए क्रेडिट नोट को संबंधित बिल्डर मनपा के विभिन्न टैक्स का भुगतान करने के अलावा किसी दूसरे को भी दिया जा सकता है.
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि मनपा द्वारा जारी किया गया क्रेडिट नोट भारत सरकार द्वारा जारी की गई करेंसी के समानांतर है जो पूरी तरह से अवैध है. उन्होंने इस पॉलिसी के खिलाफ केंद्र सरकार के सक्षम अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई थी. अब आईटी ने बीएमसी को नोटिस जारी किया है
क्या है क्रेडिट नोट पॉलिसी
विशेषज्ञों के अनुसार मनपा द्वारा जारी क्रेडिट नोट एक तरह से करेंसी के तौर पर काम करता है। मनपा बिल्डरों को क्रेडिट नोट का सर्टिफिकेट जारी करती है. बिल्डर इस क्रेडिट नोट से मनपा में प्रॉपर्टी टैक्स, प्रीमियम, डेवलपमेंट चार्ज आदि का भुगतान कर सकता है. जिस तरह पैसे का लेन देन होता है उसी तरह क्रेडिट नोट किसी को दिया जा सकता है क्योंकि यह ट्रांसफरेबल होता है. मनपा के क्रेडिट नोट को अवैध बता कर सोमैया ने घोटाले का आरोप लगाया है. वर्ष 2021 में मनपा की सत्तारुढ़ पार्टी ने क्रेडिट नोट का चलन शुरु किया था. जिसका कांग्रेस ने विरोध किया था.
क्यों जारी हुई हुआ क्रेडिट नोट
मुंबई में विभिन्न परियोजनाएं चल रही हैं. इन परियोजनाओं के बीच आने वाले झोपड़ों को हटाने की जरूरत होती है. परियोजना प्रभावित प्रोजेक्ट ( PAP) के लिए मनपा को 75 हजार घरों की आवश्यकता है. बीएमसी अधिकारी का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर घरों का निर्माण करना बीएमसी के वश की बात नहीं है. इसलिए घरों का निर्माण का ठेका निजी बिल्डरों को दिया गया है. वह अपनी भूमि पर इमारतों का निर्माण कर फ्लैट बीएमसी को देगा. इससे बीएमसी रूके हुए प्रोजेक्ट को आसानी से पूरा कर सकती है.
किसके फंसने की संभावना
कोरोना के दौरान बीएमसी पर घोटाला करने का आरोप लगा था. कैग ऑडिट में बीएमसी को दोषी ठहराया था. कोरोना घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Department) और मुंबई पुलिस की स्पेशल समिति कर रही है. एक और घोटाले में आईटी के कूदने से तत्कालीन मनपा आयुक्त और सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना के सदस्य क्रेडिट नोट पॉलिसी मामले में फंस सकते हैं.
बिल्डरों को फायदा पहुंचाने वाली पॉलिसी
मनपा में विपक्ष के पूर्व नेता रवि राजा का कहना है कि जब मनपा बिल्डरों को घरों के निर्माण के लिए भूमि और इमारत निर्माण की कीमत के अलावा एफएसआई दे रही है तो करोड़ों रुपए के क्रेडिट नोट देने की क्या जरूरत है. यह पॉलिसी बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई गई है. इसमें बहुत बड़ा घोटाला किया गया है. कांग्रेस ने इस पॉलिसी के खिलाफ लोकायुक्त में भी शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले को भाजपा नेता किरीट सोमैया द्वारा उठाने पर आईटी हरकत में आई है.




