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शिवसेना के फैसले से एनसीपी पवार गुट भी टेंशन में

विधानसभा अध्यक्ष का फैसला बनेगा नजीर

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. पौने वर्ष तक चली राजनीतिक लड़ाई में शिवसेना शिंदे गुट के पक्ष में आए फैसले से अब एनसीपी शरद पवार के नेता भी टेंशन में आ गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले पर शरद पवार ने कहा कि फैसला देते समय सुप्रीम कोर्ट की द्वारा दी गई गाइडलाइन का ध्यान नहीं रखा गया. सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी अध्यक्ष को अहमियत दी थी जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने निर्वाचित सदस्यों को आधार बनाकर फैसला सुनाया है. ( NCP Pawar faction also in tension due to Shiv Sena’s decision)
इस फैसले ने एकनाथ शिंदे गुट जश्न मना रहा है, वहीं उद्धव ठाकरे को करारा झटका लगा है. उद्धव के हाथ से विवाद के बाद मिला चुनाव चिन्ह मशाल भी जाने की संभावना जताई जा रही है.  राहुल नार्वेकर ने लंबा फैसला पढ़ते हुए कहा कि शिवसेना के संविधान के मुताबिक असली गुट एकनाथ शिंदे का ही है. उन्होंने इसके पीछे पार्टी के संविधान, संगठन के ढांचे और विधायक एवं सांसदों के बहुमत को आधार बताया.
एनसीपी मामले की सुनवाई जल्द 
अब 16 जनवरी 2024 से एनसीपी में पड़ी फूट की सुनवाई होने जा रही है. कहा जा रहा है कि इस संबंध में 31 तारीख तक फैसला आ जाएगा. लेकिन शिवसेना को लेकर आए फैसले ने एनसीपी के शरद पवार को भी टेंशन में आ गए हैं.
संविधान विशेषज्ञ उल्हास बापट ने कहा कि  ‘हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि दूसरे मामलों पर विचार के दौरान भी इन तर्कों को लागू किया जा सकता है. नजीर के तौर पर इस फैसले का उपयोग किया जा सकता है. इससे साफ है कि शरद पवार पार्टी के भविष्य को लेकर आशंकित हैं और उन्हें लगता है कि फैसला अजित पवार के गुट के पक्ष में जा सकता है क्योंकि उनके पास विधायकों की संख्या अधिक है.
अजित पवार गुट का पार्टी, चुनाव चिन्ह पर दावा
अजित पवार गुट का दावा है कि उनके पास एनसीपी के 54 में से 40 विधायक हैं. उन्होंने चुनाव आयोग में पार्टी के नाम और सिंबल पर दावा ठोका है. यही नहीं चर्चा है कि आने वाले दिनों में कुछ और विधायक पाला बदल सकते हैं. यदि ऐसा होता है तो शिवसेना की तरह चचा (शरद पवार) की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस भतीजा (अजीत पवार) ले उड़ेगा.

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