बिल्डरों ने भरा बीएमसी की तिजोरी, अनुमान से 500 करोड़ रुपए अधिक हुई कमाई

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई.मुंबई मनपा की सबसे अधिक आय जकात से प्राप्त होती थी. जकात के बाद प्रापर्टी टैक्स आय का प्रमुख श्रोत था लेकिन सरकारी नीतियों की वजह से मनपा के आय के दोनों प्रमुख श्रोत से से जकात बंद हो गया है और प्रापर्टी टैक्स आधा रह गया है. हालांकि अब मनपा की कमाई बढ़ाने में मुंबई के बिल्डरों का बड़ा हाथ दिखाई दे रहा है. मनपा प्रशासन ने पिछले साल बिल्डरों के विकास नियोजन से 4400 करोड़ कमाई का लक्ष्य रखा था जबकि अभी तक मनपा को 5063 करोड़ की कमाई हो चुकी है जो कि अनुमान से 500 करोड़ रुपए अधिक है. बीएमसी अधिकारी ने बताया कि अभी तीन महीने का समय शेष है. यह आय और बढ़ेगी. (Builders filled BMC’s coffers, earning Rs 500 crore more than expected
अधिकारी के अनुसार कोरोना काल के बाद बिल्डर लॉबी को बूस्ट देने के लिए राज्य सरकार द्वारा फंजिबल एफएसआई के प्रीमियम में छूट देकर की थी. राज्य सरकार ने पिछले साल 50 प्रतिशत छूट दी थी जबकि इस साल छूट घटाकर 30 प्रतिशत
कर दी है. सरकार की छूट का लाभ उठाते हुए बिल्डरों का जोर प्रोजेक्ट पूरा करने पर लगा दिया है.
बता दे कि पहले मनपा की कमाई का मुख्य स्रोत चुंगी था.चुंगी बंद होने के बाद जी एस टी लागू हुआ.मुंबई मनपा को जी एस टी का लाभ अभी मिल रहा
है, मनपा आयुक्त रहें सुबोध कुमार ने बिल्डरों की फंजिबल एफएसआई में होने चोरी पर लगाम लगाकर उसका प्रीमियम लेना शुरू किया जिसका फायदा मुंबई मनपा को आज हो रहा है.
पिछले 3 साल के आय पर नजर डालें तो बिल्डर से मिलने वाली कमाई ने मनपा की तिजोरी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इस बीच मनपा अधिकारियों को अगले साल बिल्डर से होने वाली आय घटने की आशंका जताई जाने लगी है जिसका मुख्य कारण है की पिछले तीन साल में छूट के कारण बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट शुरू हो जाना है. छूट बंद
होने के बाद नए प्रोजेक्ट में गिरावट आने की आशंका है.
प्रीमियम छूट के कारण मुंबई में लगभग छह हजार भवन निर्माण परियोजनाएं एक साथ चल रही हैं. इसका इसका असर पर्यावरण पर पड़ा है. मुंबई शहर में फैले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बीएमसी ने इस वर्ष निर्माण परियोजनाओं कई शर्तें लगा दी है.
बिल्डरों से ऐसे हुई आय
2019-20……….. 2991.80 करोड़
2020-21……….2107.36 करोड़
2021-22………..15,493.63 करोड़ (रिकॉर्ड वसूली)
2022-23…………6184 करोड़
2022-23…………6184 करोड़
2023-24……………..5063 करोड़ (जनवरी 2024 तक)