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उद्धव ठाकरे के एक और साथी ने छोड़ा साथ
कमजोर होती पार्टी को कैसे संभालेंगे आदित्य ठाकरे

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. शिवसेना में विभाजन के बाद भी ताल ठोंक कर उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहने वाले एक और साथी आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हो गए. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उन्हें भगवा झंडा सौंपकर शिवसेना में उनका स्वागत किया. पिछले कई महीनों से ईडी कार्यालय के चक्कर काट रहे रविन्द्र वायकर (Ravindra Vaikar) आखिरकार उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ शिंदे के साथ हो लिए. शिवसेना के पुराने नेता पार्टी जिस तरह से ठाकरे परिवार से दूर होते जा रहे हैं. शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे पार्टी में हो रही इस पतझड़ को कैसे संभालेंगे यह सवाल उठ रहा है. (Another associate of Uddhav Thackeray left the UBT)
शिवसेना शिंदे गुट में शामिल होने के बाद वायकर ने कहा, ‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र आरे कॉलोनी में सड़क कार्य के लिए 178 करोड़ रुपए की जरूरत है. वहां के नागरिक हर दिन मौत का दंश झेल रहे हैं लेकिन अब तक उन्हें न्याय नहीं मिला है. इसके अलावा गोरेगांव में रॉयल पाम में पानी की समस्या भी है. विभाग में अन्य विकास कार्यों के लिए भी फंड की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि धन प्राप्त किए बिना स्थानीय मतदाताओं को न्याय नहीं दिया जा सकता, इसलिए वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए क्योंकि सत्तारूढ़ दल में शामिल हुए बिना उनकी समस्याओं का समाधान करना संभव नहीं था. उन्होंने खुद इस मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि सभी विधानसभा क्षेत्रों को समान तरीके से विकास फंड मिलना चाहिए, लेकिन कोर्ट ने मुझसे कहा कि सत्ताधारी दल को हमेशा ज्यादा फंड मिलता है. निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों की समस्याओं को हल करने के लिए सत्तारूढ़ दल के साथ आए हैं. अपने खिलाफ चल रही ईडी जांच पर कहा कि उन्होंने ईडी मामले में जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग किया है और वह सभी आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार हैं.
मुख्यमंत्री शिंदे ने वायकर का पार्टी में स्वागत किया, शिंदे ने कहा कि एक सच्चे शिवसैनिक, जोगेश्वरी के 3 बार विधायक, मुंबई मनपा की स्थायी समिति के चार बार अध्यक्ष रहे रवींद्र वायकर ने बालासाहेब के विचारों पर शिवसेना में प्रवेश किया है. उनके मुताबिक, वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए शिवसेना में आ रहे हैं. शिंदे ने कहा कि चूंकि राज्य की सरकार ने पिछले ढाई साल में उनका कोई काम नहीं किया, इसलिए उन्हें काम करने वाली सरकार में शामिल होना पड़ा. उनके पास मुंबई महानगरपालिका और विधानसभा में मंत्री के साथ-साथ विपक्ष में भी पार्टी के लिए काम करने का लंबा अनुभव है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अनुभव निश्चित तौर पर शिवसेना के काम आएगा. उनके साथ उनकी पत्नी मनीषा वायकर और उनका परिवार और हमारे पुराने साथी भी शिवसेना में आ रहे हैं और अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री शिंदे ने स्पष्ट किया कि पिछले कुछ वर्षों में उनके और मेरे बीच कुछ गलतफहमियां थीं, लेकिन आज आमने-सामने बैठने के बाद वे सभी गलतफहमियां दूर हो गई हैं और अब हम साथ मिलकर काम करेंगे.
इस अवसर पर शिव सेना सांसद गजानन कीर्तिकर, शिवसेना प्रवक्ता शीतल म्हात्रे, पूर्व नगरसेवक कमलेश राय, उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के आयोजक उदय सावंत और शिवसेना के सभी प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे.