
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई के बहुचर्चित लखन गुप्ता उर्फ लखन भैया ( Lakhan Bhaiya) एनकाउंटर मामले बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा (pradeep Sharma) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय के उस फैसले को पलट दिया जिसमें शर्मा को निर्दोष करार दिया था. शर्मा को तीन सप्ताह में बॉम्बे सत्र न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया है. (Life imprisonment to Pradeep Sharma in Lakhan Bhaiya encounter case)
वर्ष 2006 में लखन भैया एनकाउंटर मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया. जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की पीठ ने 2006 में दायर 16 अपीलों पर सुनवाई करते हुए 8 नवंबर 2023 को फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को उस मामले में फैसला सुनाया गया.
लखन भैया मामले नप गए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट
हाईकोर्ट ने कहा है कि कुख्यात गैंगस्टर छोटा राजन के सहयोगी राम नारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के फर्जी एनकाउंटर मामले में प्रदीप शर्मा दोषी हैं. इस मामले में 2013 में सेशन कोर्ट ने 21 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. लेकिन एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया था. वसई में रहने वाले लखन भैया के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. 11 नवंबर 2006 को मुंबई पुलिस की एक टीम ने लखन को छोटा राजन गिरोह के संदिग्ध सदस्य के रूप में हिरासत में लिया था, लेकिन उसी दिन शाम को पश्चिम मुंबई के वर्सोवा में उसका का एनकाउंटर कर दिया गया.
इस एनकाउंटर का नेतृत्व पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने किया था. लखन गुप्ता के भाई और अधिवक्ता राम प्रसाद गुप्ता ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए अदालत में मुकदमा दर्ज कराया था. 2013 में मुंबई के एक सत्र न्यायालय ने इस मामले में 13 पुलिसकर्मियों सहित 21 लोगों को दोषी ठहराया था. सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. हालांकि कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया था. बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और गौरी गोडसे की पीठ फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपियों द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी.
लखन भैया के भाई और वकील राम प्रसाद गुप्ता ने प्रदीप शर्मा को बरी करने के खिलाफ अपील दायर की थी और दोषी की सजा बढ़ाने की मांग की थी. इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में प्रदीप शर्मा को बरी किये जाने के खिलाफ राज्य सरकार ने भी याचिका दायर की थी. राज्य सरकार द्वारा नियुक्त विशेष लोक अभियोजक राजीव चव्हाण ने प्रदीप शर्मा को बरी करने के खिलाफ दलील दी थी.
कभी अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर्स के सरगना कहे जाने वाले एनकाउंटर फेम प्रदीप शर्मा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. पुलिस बल में प्रदीप शर्मा का करियर विवादास्पद रहा है. उनकी कुछ एनकाउंटर पर गंभीर सवाल उठाए गए थे. लेकिन प्रदीप शर्मा बड़ा नाम होने की वजह से फर्जी एनकाउंटर के मामले दबा दिए गए. प्रदीप शर्मा को बिजनेसमैन मनसुख हिरेन मर्डर केस और एंटीलिया बम केस में भी गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी. वर्ष 2019 में प्रदीप शर्मा शिवसेना में शामिल हो गए और नालासोपारा से चुनाव लड़ा था. इस बार वे फिर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे.प्रदीप शर्मा 1983 में मुंबई पुलिस की सेवा में शामिल हुए थे. 2008 में लखन भैया फर्जी मुठभेड़ और कुख्यात डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ संबंधों के मामले में उन्हें निलंबित कर दिया गया था.