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मुख्यमंत्री के सेल्फी मामले पर बाल अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे के खिलाफ जांच के आदेश
2 करोड़ 11 लाख छात्रों पर राजनीतिक गतिविधियां थोपने के मामला

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा राज्य के स्कूली छात्रों को लिखे गए पत्र के आधार पर सेल्फी लेने के शिक्षा आयुक्त के आदेश पर नया विवाद खड़ा हो गया है. इस आदेश की हर स्तर पर आलोचना की जा रही थी, वहीं महाराष्ट्र बाल अधिकार आयोग ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया है. छात्रों पर पढ़ाई से संबंधित गतिविधियों की बजाय राजनीतिक गतिविधियां थोपने का आदेश देने शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पत्र ‘मुख्यमंत्री माझी शाला सुंदर शाला’ के खिलाफ शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता और महाराष्ट्र राज्य छात्र अभिभावक शिक्षा महासंघ के मुंबई डिवीजन के अध्यक्ष नितिन दलवी ने बाल अधिकार आयोग से शिकायत की थी. दलवी ने आलोचना की थी कि शिक्षा विभाग राज्य के विभिन्न बोर्डों में पढ़ने वाले 2 करोड़ 11 लाख छात्रों को परेशान कर रहा है. दलवी के शिकायत पत्र पर संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार आयोग ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिख कर शिक्षा आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. (Child Rights Commission takes cognizance of Chief Minister’s selfie issue, orders investigation against Education Commissioner Suraj Mandhare)
आखिर क्या है मामला
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फरवरी महीने में राज्य के स्कूली छात्रों को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा था. इस पत्र में मुख्यमंत्री शिंदे ने शिक्षा क्षेत्र को लेकर अपने विचार व्यक्त किए थे. शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे ने आदेश दिया कि स्कूली छात्र इस पत्र को पढ़ते समय अपने माता-पिता के साथ सेल्फी लें और इसे शिक्षा विभाग की नव निर्मित वेबसाइट पर अपलोड करें. यह आदेश जारी होते ही इसका गंभीर असर हुआ. कई अभिभावकों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को खुला पत्र लिखा. इस पत्र में पत्र पढ़ने में लगे शिंदे की सेल्फी लेने और उसे वेबसाइट पर अपलोड करने पर उनके बच्चों ने आपत्ति जताई है. साथ ही शिंदे के पत्र में स्कूलों को फंड मुहैया कराने की अपील का भी हर स्तर से विरोध किया गया. शिक्षा विभाग के इस निर्णय के विरुद्ध नितिन दलवी ने बाल अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
परीक्षा अवधि के दौरान स्कूली छात्रों द्वारा ‘मुख्यमंत्री माझी शाला, सुंदर शाला’ की गतिविधि को लागू करना गलत है, यह गतिविधि अनिवार्य है या नहीं और फोटो अपलोड करते समय माता-पिता का नंबर मांगना, डर है कि इस संपर्क नंबर का दुरुपयोग होगा. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर अभिभावकों के संपर्क नंबर का दुरुपयोग हुआ तो क्या शिक्षा आयुक्त इसकी जिम्मेदारी लेंगे. ऐसे में छात्रों को काफी परेशानी हो रही है और संबंधित स्कूलों के प्रिंसिपल उन्हें सेल्फी अपलोड करने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इन तस्वीरों का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा.
नितिन दलवी ने आरोप लगाया है कि यह गतिविधि केवल एक राजनीतिक गतिविधि थी, मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए आयुक्त सूरज मांढरे ने आदेश देकर करोड़ों अभिभावकों और छात्रों को परेशान किया. शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे पर अब कार्रवाई की तलवार लटक गई है.