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कैग ने शुरू किया बीएमसी घोटालों का ऑडिट

बीएमसी कमिश्नर का अधिकारियों को जांच में सहयोग करने का आदेश

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुंबई महानगरपालिका में पिछले दो से तीन साल में किए गए 12 हजार करोड़ रुपए के कार्यों का  कैग (CAG starts audit of BMC scams) ने ऑडिट शुरू कर दिया है. आज सुबह कैग की एक टीम बीएमसी मुख्यालय पहुंच कर बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल से मुलाकात की. कमिश्नर ने जांच के दौरान कैग अधिकारियों को सहयोग करने का आदेश बीएमसी अधिकारियों को दिया है. खबर है कि कैग की टीम 16 नवंबर से पहले सभी कार्यों का ऑडिट पूरा करने के प्रति कृत संकल्पित है.
मनपा और राज्य में शिवसेना की सत्ता के दौरान बीजेपी ने घोटाले का आरोप लगाया था. आरोप लगाया गया कि शिवसेना और बीएमसी प्रशासन बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल है. कोरोना के दौरान हुए खर्च पर बीजेपी, कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों ने सवालिया निशान खड़े किए थे. बीएमसी की स्थायी समिति में मंजूर किए गए कई प्रस्तावों पर राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई थी. महानगरपालिका प्रशासन और प्रशासक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे.
आरोपों के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीएमसी के मामलों की सीएजी से जांच कराने का अनुरोध किया था. इसी के तहत कैग की अब टीम मुंबई आ गई है. मुंबई नगरपालिका में कैग की टीम के आने के बाद मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने बीएमसी अधिकारियों को सूचित किया कि वे जांच में सहयोग करें.
आयुक्त ने अस्पतालों के डीन और जंबो कोविड सेंटर के प्रमुख नोडल अधिकारी के साथ बैठक कर कैग की टीम को इस बैठक में पूरा सहयोग देने का आदेश दिया गया है.
सीएजी के 8 से 10 अधिकारियों की टीम ने बीएमसी आयुक्त के साथ बैठक भी की है. बीएमसी अस्पताल, कोविड सेंटर एवं अन्य विभागों के नोडल अधिकारी
जिस तारीख को ऑडिट किया जाना है, वह तारीख अधिकारी के पास तय की जानी है. कैग की टीम 16 दिसंबर से पहले ऑडिट पूरा कर लेगी.
राज्य सरकार की ओर से सीएजी को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार 10 करोड़ रुपए तक की लागत वाले कार्यों का विशेष ऑडिट कराया जाएगा.  इसमें प्रमुख रूप से
कोरोना काल में विभिन्न मामलों पर 3538.73 करोड़ खर्च, बीएमसी द्वारा दहिसर में अजमेरा के एक प्लॉट की339.14 करोड़ में खरीद, चार पुलों के निर्माण पर खर्च किए गए 1496 करोड़ रुपए, कोरोना काल में तीन अस्पतालों द्वारा904.84 करोड़ करोड़ की खरीद और शहर में 56 सड़क मरम्मत पर 2286.24 करोड़ खर्च के साथ  कैग से सीवेज प्रोजेक्ट पर 1084.61 करोड़, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट पर 1020.48 करोड़ के खर्च आदि का ऑडिट करने का अनुरोध किया गया है.
 बीएमसी में बीजेपी के पूर्व गुट नेता रहे प्रभाकर शिंदे ने कहा कि कोरोना की सच्चाई मुंबईकरों के सामने आनी चाहिए. कैग के इस जांच का स्वागत किया जाना चाहिए. इस जांच में मुंबईकरों को लूटने वाले निशाने पर हैं. बीजेपी ने ढाई साल से लगातार इस मुद्दे को उठा रही थी. 17 मार्च, 2020 को संकल्प द्वारा व्यय शक्तियां आयुक्त को प्रदान की गई. स्टैंडिंग कमेटी में कोविड के 2100 करोड़ के खर्च का प्रस्ताव रखा गया था. बीजेपी ने उन प्रस्तावों को वापस भेजने की मांग की थी. स्थायी समिति और सदन को किए गए व्यय का विवरण प्रकट नहीं किया गया था. सत्तारूढ़ शिवसेना ने प्रस्ताव को वापस भेजने के बजाय बहुमत से मंजूरी दे दी. हमारा मानना ​​है कि इन प्रस्तावों की जांच होनी चाहिए और सच्चाई मुंबईकरों के सामने आनी चाहिए.

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