दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को फॉर्म 17सी में डाले गए वोटों के रिकार्ड का खुलासा करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया है. इसी के साथ गैर सरकारी संगठन की याचिका को अवकाश के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा.( Supreme Court refuses to direct ECI to disclose records of votes cast in Form 17C)
गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कॉमन कॉज द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग को फॉर्म 17-सी की स्कैन प्रतियां अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. जिसमें एक मतदान केंद्र में डाले गए मतों की संपूर्ण संख्या दर्ज होती है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की वेबसाइट पर फॉर्म 17-सी डेटा का खुलासा करने और बूथ-वार मतदाता मतदान डेटा प्रकाशित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इस स्तर पर मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. अवकाश के बाद यह मामला उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा.
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 17 मई को शुरू में इस मामले में हस्तक्षेप करने में अनिच्छा व्यक्त की थी, लेकिन चुनाव आयोग का जवाब सुनने के लिए याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की थी, जिसके बाद अवकाश पीठ ने मामले की सुनवाई की.
गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कॉमन कॉज द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग को फॉर्म 17-सी की स्कैन प्रतियां अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की गई, जिसमें एक मतदान केंद्र में डाले गए मतों की संख्या दर्ज होती है.
गौरतलब हो कि विपक्षी दल भी फॉर्म 17 सी की प्रतियां जारी करने की मांग कर रहे हैं. आरोप है कि पिछले चार चरणों के हुए चुनाव में डाले गए कुल वोटों की संख्या आयोग ने 11 दिन बाद जारी किया जिसमें एक करोड़ वोट बढ़ गए हैं. इसको लेकर आपत्ति जताई जा रही है.